चीन में ‘आज़ादी’ की कविता लिखने पर जेल
झू यूफ़ू के पुत्र के मुताबिक़ अदालत ने झू की उस कविता के लिए उन्हे सज़ा सुनाई है जिसमे झू ने आज़ादी के लिए एकजुट होने की बात कही थी। इस कविता को इंटरनेट पर प्रकाशित किया गया था जिसके बाद झू को अप्रैल में ग़िरफ़्तार कर लिया गया था।
पिछले कुछ महीनों में झू के अलावा तीन और बाग़ियो को लोक भड़काऊ गतिविधियों के जुर्म में जेल भेजा गया है। अदालत में झू के मामले पर सुनवाई के दौरान उनकी पूर्व पत्नी और बेटा मौजूद थे।समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार झू के बेटे ने कहा, “अदालत ने अपने आदेश में कहा कि झू ने जो किया है वो गंभीर अपराध है और इसके लिए उन्हे कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए.”झू के बेटे ने कहा, “मेरे पिता के पास बोलने के लिए केवल एक मौका उस वक्त मिला जब सुनवाई के बाद उन्हे ले जाया जा रहा था और उन्होंने रूक कर कहा कि मै अपील करना चाहता हूँ.”
सक्रिय भूमिकावरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता झू यूफ़ू इस महीने 59 साल के हो जाएंगे। चीन में सुधार की मांग में साल 1979 में हुए डेमोक्रेसी वॉल आंदोलन में वो सक्रीय रूप से जुड़े थे।अपनी सक्रियता के लिए उन्हें इससे पहले भी साल 1999 में सात साल और 2007 में दो साल के लिए वो जेल जा चुके हैं। उनकी कविता के कुछ पंक्तियों में लिखा गया, “चीन के लोगों, समय आ गया है। अब चौक सबके हवाले है, क़दम आपको उठाना है। समय आ गया है कि आप अपने क़दमों का इस्तेमाल करें और चौक में आकर सही चुनाव करें.”
चीन के सिचुआन के जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता चेन वई और गुईझऊ के चेन झी को भी पिछले साल दिसंबर में सरकार विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए जेल की सज़ा दी गई। चीन में इस तरह के आरोप में आम तौर पर कम्युनिस्ट पार्टी के आलोचकों को सज़ा दी जाती है।