चीन के 57 साल के एक किसान चेन इन दिनों लंदन के चाइना टाउन में हैं. वे ओलंपिक भावना को बढ़ावा देने के लिए रिक्शा चलाकर चीन से लंदन पहुँचे हैं.

दो सालों में वे 16 देशों से गुजरे और करीब 16 हजार किलोमीटर का रास्ता तय किया। इस दौरान उन्हें बाढ़, युद्ध वाले क्षेत्रों, दुर्गम पहाड़ों और शून्य से 30 डिग्री तक कम तापमान वाले इलाकों, और कभी तेज़ गर्मी से गुजरना पड़ा।

वे बताते हैं, "मलेशिया और वियतनाम में तो बहुत गर्मी थी। मैं पसीने से सनी अपनी कमीज निचोड़ता था। फिर थाईलैंड में बाढ़ का सामना करना पड़ा। बर्मा में वीजा नहीं दिया गया." लेकिन चेन ने हार नहीं मानी और वे वापस तिब्बत चले गए जहाँ उन्होंने 7,000 मीटर की उँचाई वाले पहाड़ चढ़े। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान से गुजरते हुए वे तुर्की पहुँचे जहाँ चार दिन तक वे बर्फ से घिरे रहे।

पैसे कहां से आए?

चेन कहते हैं कि इस दौरान उन्होंने लोगों के कोरियर पहुँचाए और कभी-कभी लोगों ने उन्हें दान दिया। चेन के एक साथी बताते हैं कि वो ओलंपिक भावना के साथ लंदन पहुँचे हैं और इसी भावना ने इन्हें तमाम मुश्किलों को पार करने का हौसला दिया। उनके पासपोर्ट पर कई देशों के स्टैंप लगे हैं। जिस देश से चेन गुजरे वहाँ की तस्वीरें चेन के रिक्शे पर लगी हैं।

लंदन में चेन का आगमन छह जुलाई को हुआ और जल्द ही उनकी मुलाकात जॉन बीस्टन नाम के एक ब्रितानी व्यक्ति के साथ हुई। जॉन इंश्योरेंस ब्रोकर हैं और बिजनेस के सिलसिले में चीन जाते रहते हैं।

जॉन कहते हैं, "एक दिन मैंने एक व्यक्ति को देखा जो अकेला गुमसुम बैठा था। मैने अपनी टूटी-फूटी मैंडरिन में बात की और दोस्ती कर ली." अब चेन से उनकी दोस्ती है और जॉन चेन की काफी मदद कर रहे हैं।

चेन लंदन में काफी लोकप्रिय हो गए हैं। लोग उनसे आकर मिलते हैं और फोटो खिंचवाते हैं। उनके हौसले बुलंद हैं और वे अब 2016 में ब्राजील में होने वाले ओलंपिक में जाना चाहते हैं।

Posted By: Inextlive