गाड़ी रहेगी कूल और सफर सुरक्षित
कानपुर(ब्यूरो)। टेम्प्रेचर लगातार ऊपर चढ़ रहा है। इसके साथ ही गाडिय़ों का तापमान भी बढ़ रहा है। इसकी वजह से लगातार गाडिय़ों में आग लग रही है। मई महीने के 18 दिनों में जिले में 9 गाडिय़ों में आग लगी। मंगलवार को दो बाइकों में अचानक आग लग गई। वहीं बुधवार को एक एंबुलेंस, ट्रक और लोडर में भयानक आग लगी। किसी तरह आग पर तो काबू पाया गया लेकिन आखिर क्या कमी है जो गाडिय़ों में आग लग रही है। कोई एक महीने पहले ही रोडवेज बस में आग लग गई थी। शाहजहांपुर में जनरथ बस में शार्ट सर्किट से आग लग गई थी। कार और बाइकों के जानकार मैकेनिक्स बताते हैैं कि इन हादसों के लिए व्हीकल ओनर और सर्विस करने वाले मैकेनिक जिम्मेदार हैैं। जो व्हीकल ओनर के कहने पर कम से कम खर्च में गाड़ी की काम चलताऊ सर्विस कर देते हैैं।
टेम्प्रेचर बढऩे से लग रही वाहनों में आग
लगातार टेम्प्रेचर बढऩे से गाडिय़ों में आग लग रही है, कुछ हादसों में लोगों की जान पर बन पड़ती है। सबसे ज्यादा परेशानी सीएनजी गाडिय़ों में आ रही है। मैकेनिक्स की माने तो कंपनी फिटेड किट में कम परेशानी आती है जबकि बाहर से किट फिट कराने वालों को खतरा ज्यादा रहता है। बाहर से फिटेड किट की गैस अगर जरा सा लीक हो जाती है तो पेट्रोल के संपर्क में आने से आग लग जाती है।
- कार या हैवी व्हीकल की वायरिंग हर तीन साल में बदलवा लें।
- कूलैैंट और रेडियेटर में पानी का ध्यान रखें, गर्मी में भरते रहें।
- अगर कार टेम्प्रेचर की वजह से बंद हो जाए तो सेल्फ न मारें।
- एक्सप्रेस वे पर व्हीकल चलाने के दौरान टायर की गर्माहट देखते रहें।
- इंजन आयल का ध्यान रखें और लंबी दूरी जाने पर 100-150 किलोमीटर पर स्टापेज देते रहें।
- सीएनजी ठंडी होती है जबकि पेट्रोल ज्वलनशील, पाइप समय-समय पर चेक करते रहें। बाइक में आग न लगे इसके लिए क्या करें
- ओवर फ्लो पाइप केवल 40 रुपये का आता है, बाइक में जरूर लगाएं।
- इंजन आयल कम होने पर भी आग लगने की संभावना बढ़ जाती है।
- आग लगने से पहले पैकिंग जलने की महक आती है, अलर्ट रहें।
- पाइप न होने पर पेट्रोल सेल्फ के पास भरे कटोरे में भर जाता है, स्पार्क से आग लग जाती है।
आग लगने पर क्या करें
- कार में फायर एक्सटिंग्यूसर रखें
- धुआं उठने पर तुरंत सारे शीशे खोल दें
- पहले कार में बैठी सवारियां और ड्राइवर बाहर निकले
- टायर फटने की संभावना रहती है लिहाजा मौके से दूर हट कर खड़े हों।
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क्या कहते हैं कार मैकेनिक
वायरिंग पर ध्यान रखें। तीन साल में चेंज करा लें और कार में फायर एक्सटिंग्यूसर रखें, समय-समय पर सर्विस कराते रहें।
मोहसिन खां
कूलेंट का ध्यान रखें, रेडियेटर गर्म होने पर गाड़ी अपने आप बंद हो जाती है, बार बार सेल्फ न लें
सुनील
क्या कहते हैं बाइक मैकेनिक
पेट्रोल पाइप का ध्यान दें। मैकेनिक से कहकर पाइप जरूर लगवाएं। जिससे आग न लगे
एजाज
ओवर फ्लो होने पर सेल्फ और कटोरे के बीच पेट्रोल भर जाता है। गाड़ी ओवर होने पर लापरवाही न करें।
जहीर
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गाडिय़ों में आग लगने पर इन नंबरों पर दें जानकारी
- डॉयल-112
- 101
- 9454418396
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जितनी जल्दी सूचना दी जाएगी, उतनी ही जल्दी फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंचेगी, लिहाजा आग लगने पर तुरंत सूचना दें।
दीपक शर्मा, सीएफओ कानपुर