बदले नियमों ने ट्रैवल्स संचालकों की उड़ाई नींद
- परिवहन मंत्री से मिलने लखनऊ गए थे ट्रैवल्स एसोसिएशन के पदाधिकारी, नहीं हुई मुलाकात
KANPUR। प्राइवेट स्लीपर बसों में पहले की अपेक्षा बर्थ कम करने के शासन के नए आदेश ने स्लीपर बस संचालकों की नींद उड़ा दी है। नए नियमों के तहत बीते एक सप्ताह से चल रहे अभियान में ट्रैवल्स बसों के लगातार चालान हो रहे हैं। नए नियमों को लेकर मंडे को ऑल इंडिया स्लीपर बस ऑपरेटर यूनियन यूपी के पदाधिकारी परिवहन मंत्री अशोक कटारिया से मिलने लखनऊ गए, लेकिन उनकी मुलाकात उनसे नहीं हो पाई। एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष बबलू तिवारी ने बताया कि पहले के नियमानुसार बसों में बर्थ की संख्या हैं। शासन के जारी किए गए आदेश आने वाली नई बसों को लेकर होना चाहिए न कि संचालित हो रही बसों में। एक बस में 2.50 लाख का खर्चाएसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया की नए नियम के तहत 36 सीटर स्लीपर बस में 30 सीटर बर्थ बस बनाने में काफी खर्चा आएगा। उन्होंने बताया की इसमें एक बस में लगभग 2.50 लाख रुपए का खर्चा आएगा। इन हालातों में ट्रैवल्स बस संचालक इस कंडीशन में नहीं है की पुरानी बसों को नए नियमों के तहत रीडेवलप करे। उन्होंने बताया कि मंडे को परिवहन मंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई हैं। इसी सप्ताह उनसे मिलने का दोबारा टाइम लिया जाएगा।