फेल होने पर रीटेस्ट का चांस
- कोरोनाकाल को देखते हुए सीबीएसई नौवीं से 11 वीं क्लास के स्टूडेंट्स को राहत देने की की है तैयारी
- हर साल 16 परसेंट के लगभग स्टूडेंट्स फेल हो जाते हैं KANPUR: सीबीएसई हो या यूपी बोर्ड क्लास 9 और 11वीं के 16 परसेंट के लगभग स्टूडेंट हर साल फेल हो जाते हैं। इससे उनका पूरे एक साल का समय बर्बाद होता है। इस सेशन में स्टूडेंट्स परेशान न हों, इसके लिए स्कूलों ने छात्रों को फेल होने पर रीटेस्ट देने का मौका दिया है। सीबीएसई स्कूलों में इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली है। कोरोनाकाल को देखते हुए स्टूडेंट्स को रीटेस्ट देने का फैसला किया गया है। स्कूल एक्सपर्ट्स का कहना था, कि एक सब्जेक्ट में फेल होने पर ही रीटेस्ट की मांग छात्र कर सकेंगे।हर साल क्लास 9 और 11वीं में 15 से 16 परसेंट स्टूडेंट्स फेल हो जाते हैं। कोरोना महामारी को देखते हुए स्टूडेंट्स को राहत देने के लिए रीटेस्ट का मौका दिया जाएगा।
बल¨वदर सिंह, सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर मार्च में होने हैं एग्जामअधिकतर सीबीएसई स्कूलों में मार्च में नौवीं व 11वीं के एग्जाम होने हैं। पहले कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्कूल संचालकों ने ऑनलाइन एग्जाम कराने का फैसला किया था। हालांकि स्थितियां ठीक होने पर अब ऑफलाइन एग्जाम कराने की तैयारी है।