तकनीकी सिर्फ मशीनी व्यवस्था का हिस्सा नहीं है. इससे जनता की परेशानियों का समाधान भी किया जा सकता है. मेडिकल सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से बनी डिवाइस से सर्वाइकल कैंसर समेत अन्य बीमारियों की पहचान कर उनका इलाज भी किया जा सकता है. यह बात लखनऊ स्थित एकेटीयू के सेंटर आफ एडवांस स्टडीज के निदेशक प्रो. एमके दत्ता ने कही. वे सीएसजेएमयू स्थित यूआइईटी में चल रहे रिफ्रेशर कोर्स में बोल रहे थे.

कानपुर (ब्यूरो) एआइसीटीई-आइएसटीई के सहयोग से चल रहे ऑनलाइन प्रोग्राम में मंगलवार को कोर्स के पांचवें दिन प्रो। दत्ता ने एआई के विभिन्न आयाम बताए। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से कैंसर, डायबिटीज, निमोनिया समेत अन्य बीमारियों की पहचान हो सकती है। इसका निदान भी किया जा सकता है। मशीन लर्निंग वास्तविक दुनिया में लोगों के जीवन को सुलभ बनाने के लिए ही है। एआई ने चिकित्सा व जीव विज्ञान के क्षेत्र में बहुत प्रभाव डाला है.नई-नई तकनीकी व्यवस्थाओं को विकसित करने का रास्ता दिया है। रोगों की पहचान के साथ ही उसकी निगरानी भी एआई के माध्यम से की जा सकती है।


मशीन लर्निंग के बारे में बताया
आईआईटी भुवनेश्वर के डा। राकेश बलबंत राय ने मशीन लर्निंग के तकनीकी के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने व्यवहारिक अनुप्रयोगों के बारे में बताया। कोआर्डिनेटर डा। राशि अग्रवाल ने बतया कि वेडनेसडे को कार्यक्रम का समापन किया जाएगा।

Posted By: Inextlive