Kanpur News: 23 हॉफ एनकाउंटर्स की जांच करेगी केंद्र की एसआईटी
कानपुर (ब्यूरो)। Kanpur News: सुल्तानपुर में मंगेश यादव का एनकाउंटर चर्चा में है। सरकार और विपक्ष इसको लेकर आमने सामने हैं। सरकार जहां इसे अपनी कामयाबी बता रही है तो वहीं विपक्ष एनकाउंटर को फेक बताकर लगातार सवाल उठा रहा है। इन सबके बीच कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के 23 हाफ एनकाउंटर भी जांच के घेरे में आ गए हैं। मानवाधिकार की एक रिपोर्ट पर केंद्र की ओर से एक एसआईटी बनाई गई है, जो इन सभी हाफ एनकाउंटर्स की जांच करेगी। एसआईटी देखेगी कि क्या इस मामले में बिना हाफ एनकाउंटर के जेल नहीं भेजा जा सकता था।
सामने आएगी हकीकतएसआईटी जांच के दौरान ये देखेगी कि जिसका हाफ एनकाउंटर किया, क्या वह हाफ एनकाउंटर के लायक मुल्जिम था? वहीं, अगर शहर में करीब छह महीनों की बात करें तो पुलिस ने अलग अलग जोन में 23 हाफ एनकाउंटर किए हैं। मेडिकल कराने के बाद सभी आरोपियों को जेल भेजा गया है। पुलिस की माने तो इनमें से ज्यादातर शातिर चेन स्नेचर्स थे, जो दिन दहाड़े कहीं भी वारदात को अंजाम दे रहे थे। लेकिन हाफ एनकाउंटर असली था या नकली, इसकी हकीकत तो एसआईटी जांच के बाद भी पता चलेगी।
शूट आउट का वीडियो क्यों नहींअपनी रिपोर्ट में ह्यूमन राइट के अधिकारियों ने स्पष्ट कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, पुलिस को इस तरह के गंभीर मामलों के वीडियो इविडेंस को तौर पर कोर्ट को देने हैं। जो वीडियो कोर्ट को दिए गए उनमें पुलिस कर्मी शूट-आउट के दौरान का वीडियो क्यों नहीं बनाते। हालांकि इस रिपोर्ट में ये भी लिखा गया है कि अगर पुलिस शूट-आउट के समय वीडियो बनाएगी तो आरोपी के भाग जाने का डर रहता है।
पुलिसकर्मी को खरोंच तक नहीं अब सवाल ये उठता है कि अगर पुलिस ने सारे हाफ एनकाउंटर सही किए हैं तो सारे की फर्द एक जैसी क्यों है? अपनी रिपोर्ट में ह्यूमन राइट ने ये भी कहा है कि किसी भी फर्द में मानवाधिकार का पूरा पालन नहीं किया गया। सारी फर्द में क्रॉस फायरिंग के बाद हॉफ एनकाउंटर की बात लिखी है लेकिन क्रॉस फायरिंग में किसी भी पुलिस कर्मी को खरोंच तक नहीं आई। हर बार गोली निशाने पर कैसे?रिटायर्ड पुलिस अधिकारियों की माने तो पुलिस की एक ही तरह की फर्द की वजह से मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। एसआईटी फॉरेंसिक, मेडिकल, टेक्निकली, यूज्ड वेपन और वीडियो फोटोग्राफी समेत एक दर्जन बिंदुओं पर जांच करेगी, साथ ही इन 23 हाफ एनकाउंटर्स में शामिल दो दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए जाएंगे। जिनके हाफ एनकाउंटर्स किए गए हैं, उनके जेल में बयान भी दर्ज कराए जाएंगे।
एसआईटी के सुगबुगाहट से हड़कंप एसआईटी की सुगबुगाहट से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। विभाग में इन दिनों फेस्टिवल की तैयारियां चल रही हैं। यानी बारावफात और तमाम ऐसे त्योहार जो आने वाले हैं। इसी बीच एसआईटी की जानकारी मिलने के बाद से पुलिसकर्मियों के चेहरे पर तनाव साफ देखा जा रहा है। हालांकि इन सभी हाफ एनकाउंटर्स में शामिल पुलिसकर्मियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इन बिंदुओं पर जांच होने की संभावना - पुलिस और आरोपी के वेपन, जो हाफ एनकाउंटर में यूज हुए। - घटनास्थल की फॉरेंसिक, सॉयल और सर्विलांस की रिपोर्ट। - जीडी और फर्द का अवलोकन, जिससे सच्चाई सामने आ सके। - मेडिकल करने वाले डॉक्टर और पुलिसकर्मियों के बयान। - अपराधी के व्हीकल की टेक्निकल रिपोर्ट और उसके बयान। - एनकाउंटर के वीडियोग्राफी की जांच और बीटीएस रिपोर्ट। - रेडियो मैसेज नोट करने वाले और डायल-112 में तैनात पुलिस कर्मियों के बयान। छह महीने में इतने हाफ एनकाउंटरजोन संख्या
ईस्ट 09 वेस्ट 05 सेंट्रल 03 साउथ 06 टोटल 23 सेंट्रल की एसआईटी जांच के लिए कुछ दिनों में आनी है। जिस भी मामले के जो भी डॉक्यूमेंट्स और इविडेंस माांगे जाएंगे, वे उपलब्ध करा दिए जाएंगे। आशीष श्रीवास्तव, डीसीपी क्राइम