सेंसर बताएगा कहां पर है लीकेज
-सड़कों पर होने वाले लीकेज को रोकने के लिए स्मार्ट सिटी के तहत काम शुरू
-वाटर सप्लाई स्काडा के तहत हुए टेंडर, लाइन में वाटर प्रेशर की सेंसर करेंगे मॉनिटरिंग KANPUR(23 July): सिटी में डेली लगभग 8 से 10 हजार लीटर पानी पाइप लाइन में लीकेज या खुदाई में पाइप लाइन टूट जाने की वजह से सड़कों पर बहकर बर्बाद हो जाता है। ज्यादा देर पानी बहने से रोड्स भी डैमेज हो जाती है। पानी बर्बाद न हो और वाटर सप्लाई और हाईटेक हो जाए इसके लिए तैयारी शुरू हो गई है। इसके तहत दशकों पुराने वाटर सप्लाई सिस्टम में अब नए बदलाव किए जाएंगे। पानी की बर्बादी को पूरी तरह से कंट्रोल करने के लिए स्मार्ट सिटी के तहत वाटर सप्लाई स्काडा के तहत 21.67 करोड़ रुपए के टेंडर किए जा चुके हैं। लॉकडाउन का दौर खत्म होते ही इस पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा।सेंसर करेंगे मॉनिटर
कानपुर स्मार्ट सिटी की नोडल अधिकारी पूजा त्रिपाठी के मुताबिक प्रोजेक्ट के टेंडर के साथ वर्कऑर्डर भी जारी हो चुका है। बेंगलुरु में लॉकडाउन के चलते काम शुरू होने में प्रॉब्लम आ रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत भैरवघाट से वाटर इनटेक और घरों के नल तक पानी की मॉनिटरिंग होगी। बड़ी लाइनों में सेंसर लगाए जाएंगे जिससे कहीं भी लीकेज होने पर तुरंत सूचना मिलेगी और सप्लाई को बंद किया जाएगा। इससे पानी की बर्बादी भी रुकेगी और लीकेज बनाने में तेजी आने से लोगों को वाटर क्राइसिस से भी ज्यादा देर तक नहीं जूझना पड़ेगा।
वाटर का प्रेशर भी होगा मॉनिटर इस प्रोजेक्ट का बड़ा मकसद ये भी है कि इससे पानी की वेस्टेज को बिल्कुल मिनिमम किया जाएगा। वहीं एबीडी एरिया में लगे मोहनलाल पार्क, उर्सला हॉस्पिटल के अंदर, स्वरूप नगर समेत अन्य जोनल पंपिंग स्टेशन में भी सेंसर के साथ मॉनिटरिंग की जाएगी। हजारों लीटर पानी हो जाता बर्बाद भैरवघाट पंपिंग स्टेशन से अभी गंगा से 20 करोड़ लीटर पानी इनटेक होता है। जो घरों तक पहुंचते-पहुंचते हजारों लीटर बर्बाद हो जाता है। लाइनों में कई जगहों पर सेंसर के साथ वाटर प्रेशर भी मॉनिटर किया जाएगा। इसमें जल निगम की बड़ी लाइनों को भी शामिल किया गया है। लीकेज से रोड भी होती डैमेजजलकल अधिकारियों के मुताबिक जल निगम की बड़ी लाइनों में लीकेज से पानी की ज्यादा बर्बादी होती है। अर्मापुर नहर से बेनाझाबर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पड़ी लोअर गंगा कैनाल में आए दिन लीकेज होता है। करीब 2 दर्जन मोहल्लों में 3 लाख आबादी को भी वाटर सप्लाई की परेशानी झेलनी पड़ती है। वहीं स्वरूप नगर, कैंट, साकेत नगर आदि दर्जनों स्थानों पर लीकेज के कारण रोड भी खराब हो गई है।
---------- क्वालिटी के हिसाब से ट्रीट होगा पानी - इस प्रोजेक्ट में बेनाझाबर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का भी ख्याल रखा गया है। - इस प्लांट में अब वाटर प्यूरीफिकेशन के लिए ऑटोमैटिक मशीन इंस्टॉल की जाएंगी। - मशीनें वाटर क्वालिटी के हिसाब से कितना एलम मिलाया जाना है, ये खुद तय कर लेंगी। एबीडी एरिया में वार्ड शामिल -ग्वालटोली - खलासी लाइन -परमट -सूटरगंज -सिविल लाइंस ---------- ये जेडपीएस भी होंगे कनेक्ट -मोहनलाल पार्क - भैरवघाट -उर्सला हॉस्पिटल के अंदर -स्वरूप नगर -बृजेंद्र स्वरूप पार्क -ओल्ड चुन्नीगंज ---------- एक नजर में प्रोजेक्ट -21.67 करोड़ रुपए है पूरे प्रोजेक्ट की कॉस्ट -3 लाख से ज्यादा आबादी को मिलेगा फायदा -5 एबीडी एरिया में प्रोजेक्ट किया जाएगा पूरा -1475 एकड़ में फैला है 5 एबीडी एरिया वाटर सप्लाई स्काडा में पानी के वेस्टेज को मिनिमम करने के साथ ही सेंसर बेस्ड कई काम किए जाने हैं। लॉकडाउन के बाद काम शुरू कर दिया जाएगा। -पूजा त्रिपाठी, नोडल ऑफिसर, कानपुर स्मार्ट सिटी।