परीक्षा का बजा अलार्म
- सीबीएसई बोर्ड ने 10वीं और 12वीं क्लास के एग्जाम का शिड्यूल जारी किया
-3 माह मिले तैयारी के, ¨हदी के बाद मैथ्स के एग्जाम में नहीं मिला गैप KANPUR: सीबीएसई बोर्ड ने एग्जाम शिड्यूल ट्यूजडे को घोषित कर दिया है। 4 मई से एग्जाम शुरू होंगे जो 11 जून तक चलेंगे। स्टूडेंट्स को पेपरेशन के लिए तीन महीेने का समय मिला है.12वीं में पहली बार एग्जाम दो शिफ्टों में कंप्लीट होंगे। 10वीं क्लास का एग्जाम जहां सात जून तक तो वहीं 12वीं क्लास के एग्जाम 11 जून तक चलेंगे। सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर बल¨वदर सिंह ने बताया कि सीबीएसई ने जो एग्जाम शिड्यूल जारी किया है, वह बहुत अच्छा है। स्टूडेंट्स सीबीएसई डॉट एनआइसी डॉट इन पर इसे देख सकते हैं। एग्जाम स्कीम के मुताबिक छात्र अपनी तैयारी कर सकते हैं। ठोस तैयारी करनी होगी12वीं क्लास के स्टूडेंट्स ने एग्जाम देखने के बाद कहा कि ¨हदी के बाद ठीक अगले दिन ही मैथ्स का एग्जाम रखा गया है। एक भी दिन का गैप न होने से मुश्किलों से भी सामना होगा। मैथ्स और ¨हदी के लिए ठोस तैयारी करनी होगी।
स्किल बेस्ड सब्जेक्ट ले रहे स्टूडेंट्ससीबीएसई बोर्ड से स्टडी करने वाले स्टूडेंट्स का इंटरेस्ट स्कि्ल बेस्ड पढ़ाई की तरफ तेजी से बढ़ा है। इस सब्जेक्ट्स में छात्रों की रुचि साल दर साल बढ़ रही है। जिले में यदि 10वीं क्लास में रजिस्ट्रेशन कराने वाले स्टूडेंट्स का डेटा देखें तो पतला लगता है कि सेशन 2021 के लिए पांच हजार से अधिक छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया। इनमें से करीब 30 परसेंट छात्रों ने स्किल आधारित विषयों को चुना, जबकि 2020 में ये संख्या 20 परसेंट थी।
हुनरमंद है तो नहीं होंगे फेल सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) से पढ़ाई करने वाले छात्र हुनरमंद हैं तो अब वह 10वीं की एग्जाम परीक्षा में फेल नहीं होंगे। सीबीएसई छात्रों के लिए स्किल आधारित विषय लेकर आया है, जो उन्हें क्लास पास करा देगा। इससे छात्रों का साल बर्बाद नहीं होगा। क्या है नियम?दरअसल, सीबीएसई के नए नियमों के मुताबिक यदि 10वीं क्लास के स्टूडेंट मैथ्स या साइंस में फेल हो जाते हैं लेकिन उन्होंने वैकल्पिक विषय के तौर पर स्किल आधारित विषयों जैसे-आटीज्फिशियल इंटेलीजेंस, इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर साइंस आदि को ले रखा है और उसमें पास हैं। तब छात्र को पास ही माना जाएगा। बोर्ड की ओर से यह नियम उन छात्रों के लिए बनाया गया, जो पढ़ाई में कमजोर रह जाते हैं। सीबीएसई स्कूलों के प्रिंसिपल का कहना है कि इस नियम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि स्टूडेंट का एक साल बर्बाद होने से बचेगा।