सीबीआई जांच में फंसे जलकल महाप्रबंधक नीरज गौड़ दो दिनों के अवकाश पर चले गए हैं. सुबह उन्होंने कार्यभार सचिव को सौंपा और अवकाश पर चले गए. सीबीआई के छापे के बाद से जलकल में खलबली मची है. इसका असर नगर निगम और केडीए में भी दिन भर देखा गया. बता दें कि उनके खिलाफ दिल्ली में नामजद मुकदमा दर्ज था और सीबीआई उन्हें लंबे समय से तलाश रही थी.

कानपुर (ब्यूरो) गुरुवार को सीबीआई ने शाम साढ़े आठ बजे के करीब जलकल महाप्रबंधक नीरज गौड़ के जलकल मुख्यालय में स्थित आवास पर छापा मारा था। अचानक हुई छापेमारी से खलबली मच गई थी। सीबीआई ने नीरज गौड़ से रात करीब डेढ़ बजे तक पूछताछ की। सीबीआई जब जीएम जलकल के घर से बाहर निकली तो उनके हाथों में कई फाइलें भी थीं। माना जा रहा है कि घर से कुछ दस्तावेज भी सीबीआई को मिले हैं, जिसे वह अपने साथ ले गए।

मीडिया से बात करने से कतराए
पूछताछ समाप्त होने के बाद जलकल महाप्रबंधक सीबीआई टीम को घर से बाहर छोडऩे के लिए आए थे। मगर मीडिया को देखकर वह अंदर चले गए थे। जब मीडिया ने उनसे बात करने की कोशिश की तो उन्होंने संदेश भिजवाया कि वह सुबह बात करेंगे। सुबह भी मीडिया से जुड़े लोग जीएम जलकल के आवास पर पहुंचे तो पता चला कि वह दो दिन के लिए अवकाश पर चले गए हैं। हालांकि विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार जीएम जलकर अपने सरकारी आवास पर पत्नी के साथ ही हैं। मगर, वह किसी से मिल नहीं रहे हैं।

सीबीआई की पकड़ में नहीं आ रहे थे
बताया जा रहा है कि वर्ष 2008 से 2013 तक के बीच में नीरज गौड़ प्रतिनियुक्ति पर एनएचएआई में वाराणसी में गया डिवीजन में क्षेत्रीय प्रबंधक के पद पर कार्यरत थे। इस दौरान टोल में किसी कंपनी को फायदा पहुंचाने के मामले में उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। उक्त मामले में सीबीआई की दिल्ली इकाई में इनके खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज हुआ था। करोड़ों के घोटाले में नीरज गौड़ लंबेे समय से सीबीआई की पकड़ में नहीं आ रहे थे, क्योंकि इन्होंने जो अपना स्थायी पता दिया था, वह फर्जी था। जलकल सचिव केपी आनंद ने बताया कि जलकल महाप्रबंधक दो दिन की छुट्टी लेकर गए हैं। बाकी मामले की उनको कोई जानकारी नहीं है।

Posted By: Inextlive