Catch the Kangaroos!
टीम इंडिया एक बार फिर मिशन ऑस्ट्रेलिया पर है। लास्ट दो टूर्स में इंडियन टीम सिरीज जीतते-जीतते रह गई थी। इस बार माही ब्रिगेड कंगारुओं को परास्त करना चाहेगी। खुद धोनी भी ऐसा इरादा जता चुके हैं। हालांकि कंगारुओं का उनकी धरती पर शिकार टीम इंडिया के लिए एक चैलेंज की तरह होगा। एक नजर पिछली दो सिरीज के रिजल्ट्स पर2003/04 : Australia-1, India-1
इस टूर पर टीम इंडिया ने कंगारुओं को जबर्दस्त तेवर दिखाए थे। पहला टेस्ट ब्रिसबेन में खेला गया था। वैसे तो यह मैच ड्रॉ हो गया था, लेकिन गांगुली ने विपरीत परिस्थितियों में जिस तरह सेंचुरी जमाई, उसने पूरे टूर के लिए टीम इंडिया के हौसले बढ़ा दिए। इसके बाद बारी थी दूसरे टेस्ट की। एडिलेड में खेले गए इस टेस्ट में 400 पर 5 विकेट के स्कोर के साथ एक बार कंगारू टीम काफी मजबूत दिख रही थी। मगर कुंबले ने पांच विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को 556 पर सीमित कर दिया। इसके बाद द्रविड़ (233) और लक्ष्मण (148) ने इंडिया को 523 तक पहुंचाया। अगारकर ने 41 रन देकर 6 विकेट लिए और ऑस्ट्रेलिया को 196 पर सीमित करते हुए इंडिया के लिए 230 रनों का टारगेट सेट कर दिया। कंगारुओं ने पूरी कोशिश की, पर द्रविड़ के नॉटआउट 72 रन की बदौलत भारत सिरीज में लीड लेने में कामयाब रहा था। तीसरा टेस्ट मेलबर्न में खेला गया। बॉक्सिंग डे टेस्ट में सहवाग ने 195 रनों की पारी खेली। मगर पोंटिंग के लगातार दूसरे डबल हंड्रेड ने ऑस्ट्रेलिया को सिरीज में बराबरी दिलवा दी। सिडनी में खेला गया आखिरी टेस्ट स्टीव वॉ का फेयरवेल टेस्ट था और स्टीव ने इस मैच को ड्रॉ कराके सिरीज ड्रॉ करा दी।
सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे बैट्समेन के रहते टीम इंडिया की बैटिंग काफी मजबूत है। फिर ओपनिंग में वीरेन्द्र सहवाग और गौतम गंभीर की जोड़ी तो है ही। वहीं कैप्टन महेन्द्र सिंह धोनी, विराट कोहली, रोहित शर्मा और रहाणे जैसे प्लेयर्स हैं। बॉलिंग में हरभजन भले टीम के साथ नहीं हैं, पर आश्विन और ओझा के रूप में दो टैलेंटेड स्पिनर्स हैं। जहीर खान तेजी से मैच फिटनेस हासिल कर रहे हैं। उमेश यादव, इशांत शर्मा, मिथुन और विनयकुमार पर भी निगाहें रहेंगी।बात कंगारुओं की कंगारुओं की हालिया परफॉर्मेंस काफी खराब रही है। खासकर टीम की बैटिंग काफी कमजोर है। साउथ अफ्रीका के खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई बैटिंग ढह गई थी। वहीं न्यूजीलैंड के खिलाफ भी उनका परफॉर्मेंस कुछ खास नहीं रहा था। ऑस्ट्रेलिया की ओपनिंग जोड़ी भी जूझती रही है। फिल ह्यूज टीम में जगह बनाने को जूझ रहे हैं। पोंटिंग और हसी का बल्ला भी रूठा हुआ है। हालांकि कंगारुओं की बॉलिंग इंप्रेसिव रही है। जेम्स पैटिन्सन के रूप में उन्हें नई पेस सनसनी मिली है