खजांची ने विकास तक पहुंचाया था कैश और कारतूस
- गिरफ्तारी के बाद पुलिस की पूछताछ में जय बाजपेई ने कबूले थे कई राज
- पुलिस ने जय के बयानों को कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में किया शामिल >kanpur@inext.co.in KANPUR : बिकरू कांड को लेकर कोर्ट में दायर चार्जशीट में एक बड़ा तथ्य सामने आया है, जिसमें दुर्दान दुबे के खंचाजी जय बाजपेयी ने स्वीकार किया है कि उसके पास करोड़ों की कीमत के करीब 56 प्लाट व मकान हैं। बिकरू कांड के बाद जय को पुलिस ने 19 जुलाई को अरेस्ट कर लिया था। जय को जेल भेजने से पहले पुलिस ने उससे लंबी पूछताछ की थी। इस पूछताछ को पुलिस ने अपनी केस डायरी का हिस्सा बनाया था और अदालत में दायर बिकरू कांड की चार्जशीट में इसे शामिल भी किया गया। पंचर की दुकान से करोड़पतिपुलिस को दिए गए बयानों में जय बाजपेई ने बताया है कि वह पहले पंचर की दुकान करता था। 2013 में प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्बू के मार्फत उसकी मुलाकात विकास दुबे से हुई थी। इसके बाद विकास ने उसे तीन प्रतिशत ब्याज पर पैसा दिया, जो कि उसने बाजार में दस प्रतिशत पर उठा दिया। इसके बाद उसने कमेटी डालनी शुरू की। काम चल निकला तो 4 मकान अशोक नगर में खरीदे।
जय का कबूलनामा- पंचर की दुकान चलाता था, साल 2013 में विकास दुबे से हुई थी मुलाकात
- विकास ने तीन प्रतिशत ब्याज पर पैसा दिया, जिसे वो 10 परसेंट पर उठाता था - एक जुलाई को विकास दुबे का फोन उसके पास आया था। - वह दो जुलाई को बिकरू पहुंचा और दो लाख रुपया व 25 कारतूस दिए। - विकास ने कहा था पुलिस बहुत परेशान कर रही है, काम तमाम करना होगा - उसने दूसरे के नामों से कारें खरीदी थीं जिनका यूज विकास दुबे करता था। - चार जुलाई को विकास का संदेश आया था कि उसे दिल्ली तक छोड़ दो। -कारें लेकर जा रहा था तभी पुलिस की सक्रियता देख गाडि़यां विजय नगर में छोड़ दी - करोड़ों की कीमत के 56 मकान व प्लॉट हैं उसके पास पूरे जिले में चलेगी दबंगईअपने बयानों में जय ने बताया कि एक जुलाई को विकास दुबे का फोन उसके पास आया था। उसने पैसे व कारतूस लाने के लिए उससे कहा। वह दो जुलाई को बिकरू पहुंचा। दो लाख रुपया व 25 कारतूस दिए। बातचीत में विकास ने कहा कि आजकल पुलिस बहुत परेशान कर रही है। पुलिस का काम तमाम करना होगा। एक बार पुलिस से भिड़ लिए तो तो पूरे जिले में दबंगई चलेगी।
विकास को दिल्ली ले जाना था जय बाजपेई ने पुलिस को ये भी बताया है कि उसने दूसरे के नामों से कारें खरीदी थीं। इनका प्रयोग विकास दुबे करता था। चार जुलाई को विकास का संदेश आया था कि उसे दिल्ली तक सुरक्षित छोड़ दो। कारें लेकर शिवली जा रहा था तभी पुलिस की सक्रियता देखकर घबरा गया। गाडि़यां विजय नगर चौराहे पर ही छोड़ दीं। बाद में ये गाडि़यां पकड़ी गईं।