ऑस्ट्रेलिया के 500 सबसे बड़े प्रदूषकों को एक नए विवादास्पद क़ानून के तहत कार्बन टैक्स देने के लिए बाध्य किया जा रहा है.

सरकार ने टैक्स के लिए 25 डॉलर प्रति टन कार्बन उत्सर्जन का दर तय किया है। ये नया नियम अगले साल से लागू होगा और ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड ने एलान किया है कि उनका देश भविष्य के लिए साफ़-सुथरी उर्जा की ओर कदम बढ़ा रहा है।

प्रधानमंत्री का कहना है कि इस नए कार्बन टैक्स की बदौलत ऑस्ट्रेलिया का उत्सर्जन 10 सालों के अंदर 16 करोड़ टन कम हो जाएगा। ये लगभग साढ़े चार करोड़ कारों को सड़क से हटाने के बराबर है। ये टैक्स ऑस्ट्रेलिया में आर्थिक सुधार की ओर बढ़ाए गए सबसे बड़े कदमों में से एक है।

जूलिया गिलार्ड का कहना है कि जो कंपनियां टैक्स के दायरे में आ रही हैं वो आधुनिक तरीके से काम शुरू करेंगी या नई तकनीकों को ढूंढेंगी जिससे उनके टैक्स बिल कम हो सकें।

स्टील, कोयले के खदान और बिजली उत्पादन से जुड़ी कंपनियों को इस टैक्स के साथ-साथ कुछ मुआवज़ा भी मिलेगा जिससे वो पूरी तरह से ठप्प न हो जाएं।

आलोचकों का कहना है कि इस टैक्स नीति से देश की अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी क्योंकि सस्ते कोयले से निकली ऊर्जा पर इसकी निर्भरता काफ़ी ज़्यादा है।

Posted By: Inextlive