शिवली पुलिस की हिरासत में व्यापारी की मौत, 9 पुलिसकर्मी सस्पेंड
कानपुर (ब्यूरो) शिवली कोतवाली के लालपुर स्थित सरैया गांव में व्यापारी चंद्रभान सिंह से 6 दिसंबर को लूट हुई थी। वह दुकान बंद करके लौट रहे थे, तभी पीछे से आए दो बाइकसवार बदमाशों ने ढाई लाख रुपए और 40 हजार के आभूषण लूट लिए थे। मामले में सोमवार को पुलिस ने चंद्रभान के भतीजे बलवंत समेत 5 लोगों को पूछताछ के लिए उठाया था। बलवंत को सोमवार शाम 4 बजे हिरासत में लिया था। हिरासत में लेने के करीब 10 घंटे बाद बलवंत की मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि बलवंत की तबीयत बिगड़ी, उसे जिला अस्पताल लेकर गए। वहां डॉक्टरों ने हैलट के लिए रेफर किया। लेकिन, थोड़ी देर में ही बलवंत ने दम तोड़ दिया। इसकी सूचना परिजनों को दी गई। मृतक के बड़े भाई सचिन ने पुलिस पर बलवंत को पीट-पीटकर मारने का आरोप लगाया है।
शव लेकर भागने लगे परिजन
पोस्टमॉर्टम हाउस में परिजन बलवंत की लाश लेकर भागने लगे। उनकी मांग थी कि उसका पोस्टमार्टम यहां न कराया जाए। इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प हो गई। बमुश्किल पुलिस उनको रोक पाई। मामले में जिन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है। उनमें एसओजी टीम, मैथा चौकी प्रभारी और थाना प्रभारी समेत 9 पुलिसकर्मी हैं।
युवक के सीने में था दर्द
जिला अस्पताल के डॉक्टर पवन ने बताया कि पुलिस टीम द्वारा एक युवक को लाया गया था। उसके सीने में बहुत दर्द था। उसकी स्थिति ठीक नहीं थी, जिसके चलते उसे हैलट रेफर किया गया था, लेकिन हैलट जाने से पहले ही उसकी मौत हो गई। जब पुलिस युवक को लेकर आई थी उस वक्त उसके साथ घर का कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था।
एसपी सुनीति ने बताया कि लूट की घटना के खुलासे के लिए संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जा रही थी। बलवंत को भी पूछताछ के लिए बुलाया था। वह खुद थाने आया था। इस दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया। वहां उसकी मौत हो गई। वहीं परिजनों के आरोपों की जांच के लिए टीम गठित की गई है।
पुलिसकर्मियों को पिटाई करते देखा
मृतक बलवंत के जिस चाचा चंद्रभान के साथ लूट की घटना हुई थी। उन्होंने बताया कि 6 दिसंबर को दुकान से लौटते समय 4 युवकों ने आंख में मिर्च झोंककर नकदी और ज्वैलरी लूट ली थी। जिसकी एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस गांव के ही 4 लड़कों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी। सोमवार को पता चला कि हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने उनके भतीजे को भी पकड़ा है। जिस पर थाने बताने गया कि लूट में मेरा भतीजा नहीं था। लेकिन, वहां न तो मेरा भतीजा मिला न ही कोई अधिकारी।
इसके बाद मैथा चौकी गए, लेकिन वहां पर भी हमें कोई नहीं मिला। बलवंत के भाई सचिन ने बताया कि चौकी पर बलवंत को पुलिस ने बेरहमी से मारा है। उसका कहीं पता नहीं चल रहा है। इसके बाद हम शिवली थाने पहुंचे और भतीजे के बारे में जानकारी की कोशिश की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। कुछ देर बाद पता चला कि भतीजे की अस्पताल में मौत हो गई है। भाई ने पुलिसकर्मियों को पिटाई करते देखा है।
मार्केट से पुलिस ने उठाया
मृतक के भाई सचिन सेंगर ने बताया कि बलवंत चोकर का कारोबार करता था। वह सोमवार 12 बजे चोकर लाने बाजार गया था। शाम 4 से 5 बजे के बीच वह लौट रहा था, तभी रनिया थाने की पुलिस और एसओजी टीम ने भाई को हिरासत में ले लिया। मामले की जानकारी हुई तो मैं और चाचा रनिया थाने पहुंचे.वहां पुलिसकर्मी भाई की पिटाई कर रहे थे। हमने विरोध किया।
पुलिस बोली जांच करने दीजिए
चाचा ने बताया कि, उन्होंने पुलिस से पूछा था कि आप ने उसे हिरासत में क्यों लिया? इस पर पुलिस ने बताया कि अब तो एफआईआर दर्ज हो चुकी है, आप हमें जांच कर लेने दीजिए। आप मैथा चौकी चलिए। हम वहीं चल रहे हैं। सचिन ने आगे बताया कि हम मैथा चौकी गए तो कोई जानकारी नहीं मिली। हमें लगा कि बलवंत को लेकर शिवली थाने गए हैं। हम वहां पहुंचे तो पता चला कि रनिया थाने लेकर गए हैं। इसके बाद हम रनिया थाने पहुंचे। वहां भी कोई जानकारी नहीं मिली। एसपी ऑफिस से भी कुछ पता नहीं चल सका। कुछ समय बाद किसी के माध्यम से पता चला कि बलवंत की मौत हो गई है।
राज्य मंत्री एवं सदर विधायक प्रतिभा शुक्ला भी मौके पर पहुंचीं। उन्होंने कहा कि ये बेहद निंदनीय घटना है। मैंने पुलिस अधीक्षक से भी बात की। आरोपी 9 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। मैंने वीडियो देखा है, जिसमें दिख रहा है कि युवक को काफी बेरहमी से पीटा गया है। जबकि परिजनों का कहना है कि युवक लूट की घटना में दोषी नहीं था।