बर्मा में भूकंप से 12 लोगों की मौत की आशंका
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, बर्मा के मध्य इलाकों में इस भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई। भूकंप का केंद्र मांडले के नजदीक स्थित था जो देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर है।
भूकंप की वजह से श्वेबो में एक निर्माणाधीन पुल धराशायी हो गया और उस पर काम कर रहे मजदूर नदी में जा गिरे जो अभी तक लापता हैं। मांडले के लोग भूकंप के झटके महसूस करते ही घबराकर सड़कों पर आ गए। भूकंप स्थानीय समयानुसार 7.42 मिनट पर आया।मृतक संख्या बढ़ने की आशंकाएक अधिकारी ने समाचार एजेंसी एपी को बताया कि सिंट्कू टॉउनशिप के नजदीक छह लोग मारे गए हैं। इनमें कुछ लोग वो थे जो सोने की खदान में काम कर रहे थे।भूकंप की वजह से मोगोक में मंदिरों को भी नुकसान पहुंचने की खबर है। समाचार एजेंसी एएफपी ने एक अधिकारी के हवाले से खबर दी है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
श्वेबो में रहने वाले 52 वर्षीय सोई सोई ने समाचार एजेंसी एपी को बताया, ''मैंने अपने जीवन में जितने भी भूंकप महसूस किए, उनमें ये सबसे खतरनाक था.''मांडले में रहने वाले सान यू क्याव ने बताया, ''मैं अपनी बिटिया को उठाकर बिस्तर से भागा। सड़क पर कई लोग जमा थे। कुछ चीख रहे थे और कुछ सदमे में थे। लोग को भय है कि और भूकंप आ सकते हैं.'' भूकंप के झटके पड़ोसी देश थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक तक महसूस किए गए।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने 'यलो-अलर्ट' जारी किया है जिसका मतलब जान-माल के नुकसान की आशंका है। वैसे बर्मा में भूंकप आना अपेक्षाकृत सामान्य बात है। बीते साल लाओस और थाईलैंड की सीमा के नजदीक मार्च में आए भूकंप में 75 लोग मारे गए थे।