बिना प्लानिंग खड़ी कर दी 7.39 करोड़ की बिल्डिंग
कानपुर (ब्यूरो)। बेहतर शिक्षा और यूथ को आत्मनिर्भर बनाने के लिए करोड़ों रुपए बहाए जा रहे हैं। लेकिन, इनका फायदा नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि बिना किसी ठोस प्लानिंग के काम हो रहा है। कुछ ऐसा ही हाल है शिवराजपुर के सबलपुर में बनी गवर्नमेंट आईटीआई का। यूथ को स्किल्ड बनाने के लिए 7.39 करोड़ की लागत से जिसे तैयार किया गया। दिसंबर 2022 में सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसका लोकार्पण भी किया था। किन-किन ट्रेड में कोर्स चलेंगे, क्या फीस होगी, सब कुछ फाइनल हो गया था। लेकिन अब तक यहां एक भी एडमिशन नहीं हुआ। क्योंकि पीपीपी मोड पर इसे चलाने के लिए प्राइवेट पार्टनर की तलाश अब तक पूरी नहीं हो पाई है।
कब शुरू होगी, पता नहीं
बिल्डिंग के लोकार्पण के बाद आस थी की यहां पर गवर्नमेंट फीस में यूथ को स्किल्ड बनाया जाएगा। 2023-24 एकेडमिक सेशन में सिटी की सभी आईटीआई में एडमिशन तो हुए लेकिन इस आईटीआई में एडमिशन नहीं लिए गए। बताया जा रहा है कि इस आईटीआई के संचालन के लिए पीपीपी मोड पर प्राइवेट पार्टनर तलाशा जा रहा है। पार्टनर के ना मिल पाने के चलते आईटीआई में एडमिशन और ट्रेनिंग शुरू नहीं हो सकी है। एडमिशन कब होंगे, इसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं है। बताते चलें कि कानपुर में फिलहाल 06 गवर्नमेंट आईटीआई संचालित की जा रही हैैं, जिसमें पांडुनगर, लाल बंगला (महिला), कल्याणपुर, बिल्हौर, घाटमपुर और वल्र्ड बैैंक (महिला) शामिल हैैं।
गवर्नमेंट आईटीआई शिवराजपुर की पीले रंग की बिल्डिंग में क्लासरूम वर्कशॉप और आवास समेत सभी चीज दुरुस्त हैं। बस दरकार है तो एडमिशन होने की। सुनसान बिल्डिंग में इस समय वहां की दीवारें आपस में बातचीत करती होंगी तो एक दूसरे से जरूर पूछती होंगी कि स्टूडेंट तुम कब आओगे। इन ट्रेड में चलने हैं कोर्स, वर्कशॉप रेडी
इस कैंपस में पड़ताल के दौरान बिल्डिंग में वर्कशॉप का बोर्ड भी लगा दिखा। उन बोड्र्स में फिटर, टर्नर मैकेनिक रेफ्रिजरेशन एंड एसी, वेल्डर, मशीनिष्ट, मैकेनिक मोटर व्हीकल, इलेक्ट्रीशियन और प्लंबर लिखा दिखा। इससे यह सिद्ध होता है कि इस आईटीआई में इन ए ट्रेडो से संबंधित कोर्स लाकर यूथ को स्किल्ड बनाया जाएगा।
दोबारा टेंडर की बात
इस गवर्नमेंट आईटीआई को पीपीपी मोड पर चलाने का डिसीजन लिया गया है। सूत्र बताते हैं कि फायदे का सौदा न होने के चलते इस आईटीआई को कोई भी प्राइवेट पार्टनर चलाने के लिए राजी नहीं हो रहा है। हालांकि पीपीपी मोड पर चलने के लिए दोबारा टेंडर की बात अफसर कह रहे हैं।
पीपीपी मोड पर पार्टनर मिलने के बाद इस आईटीआई को संचालित किया जाएगा। पीपीपी मोड में संस्थान का नाम तो गवर्नमेंट रहेगा, लेकिन जिसको भी इसके संचालन का जिम्मा मिलेगा वह अपने प्राइवेट आईटीआई जितनी फीस रख सकता है। पीपीपी मोड पर चलाने के फैसले के चलते इस आईटीआई में फैकल्टी की पोस्ट भी सृजित नहीं की गई है। फैकल्टी को रखने का जिम्मा भी पीपीपी संचालक का होगा।