चार बजे जोरदार धमाका हुआ और पूरी बिङ्क्षल्डग हिल गई. हम तीनों गहरी नींद से जागे लेकिन बाहर निकलने की हिम्मत नहीं हुई. तुरंत इंडियन एंबेसी के हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया. उन्होंने कहा कि सारी उड़ानें बंद हैं इसलिए अभी भारत भेजना मुमकिन नहीं. आप अपने घर हॉस्टल फ्लैट या जहां भी हैं वहीं रहिये और बाहर मत निकलिए. तब से हम सहमे हैं. रूस व यूक्रेन के बीच तनाव बढऩे की सूचना तो हमें पहले से थी लेकिन हम बुरी तरह फंस जाएंगे ऐसा नहीं सोचा था.... यह जानकारी यूक्रेन की वीएम कराजिन खारकिव नेशनल यूनिवर्सिटी के मेडिकल कालेज से एमबीबीएस कर रही फजलगंज की छात्रा जेनसी ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से साझा की. परिजनों ने बेटे-बेटियों को वापस बुलाने के लिए केंद्र सरकार विदेश मंत्रालय को ट््वीट कर रहे हैं.


कानपुर (ब्यूरो) जेनसी ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते ऑनलाइन पढ़ाई होने पर भारत लौट आई थी। पिछले साल सितंबर में कॉलेज ने सभी को वापस बुला लिया। हाल ही में आठवें सेमेस्टर की पढ़ाई शुरू हुई थी, कि रूस-यूक्रेन विवाद शुरू हो गया। जेनसी ने बताया कि युद्ध की आहट पर कई छात्र पहले विभिन्न फ्लाइट से इंडिया रवाना हो गए थे, लेकिन गुरुवार से राजधानी कीव समेत सभी हवाई अड्डों से उड़ानें बंद कर दी गई हैं। सुना है कि एयर इंडिया का विमान भारतीयों को लेने के लिए आया था, लेकिन उसे एयरपोर्ट पर लैंड नहीं कराया गया। कई छात्र-छात्राएं उजबेकिस्तान और आसपास के अन्य देशों से होकर भारत चले गए। पूरे यूक्रेन में मार्शल ला (एक तरह से कफ्र्यू) लगा दिया गया है। किसी को भी बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं।

Posted By: Inextlive