सीईटीपी पर बजट का संकट 28 तक का अल्टीमेटम
-पैसा न होने से जाजमऊ स्थित सीईटीपी संचालन को लेकर जल निगम ने खड़े किए हाथ
-सीईटीपी बंद हुआ तो माघ मेला के दौरान गंगा में सीधे गिरेगा नालों और टेनरीज का जहरीला पानी KANPUR: माघ मेला में गंगा को हर हाल में स्वच्छ और निर्मल रखने के आदेश सीएम ने दिए हैं। लेकिन, दूसरी तरफ नालों और टेनरीज का जहरीला पानी ट्रीट करने वाले सीईटीपी के संचालन पर ही संकट खड़ा हो गया। करोड़ों का बकाया न चुकाने पर जलनिगम ने जाजमऊ स्थित इस कॉमन इंफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट(सीईटीपी)को चला पान से हाथ खड़े कर दिए हैं। प्लांट को बन्द कर देने की चेतावनी दी है। अगर ऐसा हुआ तो नालों के साथ टेनरीज का जहरीला पानी सीधे गंगा में गिरने लगा। वहीं सैकड़ों टेनरीज पर भी बंदी की तलवार लटक जाएगी। 36 एमएलडी कैपेसिटीजल निगम के जीएम बीके गर्ग ने नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी को लेटर लिखकर सीईटीपी के संचालन को लेकर टेनरी पर 16.72 करोड़ और नगर निगम पर 14.36 करोड़ रुपए बकाया होने की जानकारी दी है। ये भी स्पष्ट कर दिया है कि 28 फरवरी तक ही जल निगम संचालन कर पाएगा। इसके बाद अगर पैसा नहीं मिला तो सीईटीपी को बंद करना होगा। 36 एमएलडी सीईटीपी में 27 एमएलडी डोमेस्टिक और 9 एमएलडी टेनरी वेस्ट ट्रीट किया जाता है। जल निगम ने ये भी कहा है कि पैसा नहीं देते हैं तो प्लांट का संचालन नगर निगम खुद करे।
सालाना 22 करोड़ खर्च सीईटीपी को चलाने में जल निगम को सालाना 22 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते हैं। इसमें नगर निगम और टेनरी संचालकों को 50-50 परसेंट बजट देना होता है। बीते कई सालों से दोनों ने ही पैसा नहीं दिया है। जल निगम जीएम ने बताया कि टेनरी वालों को कई बार नोटिस दी गई। प्रति हाइड्स 20.35 रुपए के हिसाब से पैसा लिया जाता है। कई सालों बाद इसके रेट में बदलाव किया गया है। पैसा नहीं मिला तो मजबूरी में सीईटीपी को बंद करना पड़ेगा। ---------- गंगा में गिरेगा जहर -269 टेनरियों का वेस्ट सीईटीपी में जाता है -36 एमएडी है सीईटीपी की कैपेसिटी -9 एमएलडी टेनरी वेस्ट और 27 एमएलडी नालों का पानी -24 दिन माघ मेला के चलते बंद रहेंगी टेनरी -11 मार्च तक रोस्टर के मुताबिक बंद हो रही हैं -5 हजार करोड़ रुपए से लॉकडाउन में नुकसान -131 टेनरियां अब तक बंद हो चुकी हैं कानपुर में -------------प्रति हाइड 'कच्चे माल का एक पीस' की सफाई का खर्च 5 रुपए 35 पैसे तय था। अचानक उसे बढ़ाकर 20 रुपए 35 पैसे कर दिया गया, इसे लेकर चर्म उद्यमियों ने कमिश्नर और डीएम से बात की जिसके बाद 15 रुपए रेट तय हुआ था। अब सीईटीपी बंद करना गलत है।
-जफर फिरोज, एक्सपर्ट, इंपोर्ट-एक्सपोर्ट टेनरी के लिए 20 एमएलडी सीईटीपी प्लांट जल्द बनाए जाने की जरूरत है उल्टा पुराने प्लांट को बंद किया जा रहा है जो गलत है। नया प्लांट मानकों के अनुरूप बनाया जाए जिससे चर्म उद्यमी अपना कारोबार कर सकें। -असद ईराकी, महासचिव, लेदर इंडस्ट्री वेलफेयर एसोसिएशन। पैसा न होने से प्लांट संचालन करने में बेहद मुश्किलें आ रही हैं। 28 फरवरी तक संचालन कर पाएंगे। इसके बाद मजबूरी है कि हमें सीईटीपी का संचालन बंद करना होगा। -बीके गर्ग, जीएम, जल निगम।