भाईदूज पर बहन को उपहार या उसकी रक्षा का वचन देने के बजाय भाई ने शराब के लिये रुपये न देने पर पीट दिया जिससे क्षुब्ध होकर बहन ने जहरीला पदार्थ खा लिया. उसकी हालत बिगड़ गई. परिजनों की डांट से घबराए भाई ने भी जहरीला पदार्थ खा लिया. हालत बिगडऩे पर दोनों को विकास नगर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उन्हें एलएलआर अस्पताल के लिये रेफर कर दिया गया. देर रात एलएलआर अस्पताल में उपचार के दौरान दोनों की मौत हो गई.


कानपुर (ब्यूरो) शिवराजपुर में गुरुवार को भाईदूज के त्योहार पर भाई-बहन की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। वहीं घटना को लेकर क्षेत्र में चर्चा होती रही। शिवराजपुर के ईशेपुर गांव निवासी सुरेंद्र बाबू पैरों से दिव्यांग हैं परिवार में पत्नी उषा देवी हैं। गुरुवार देर शाम सुरेंद्र बाबू के 20 साल के बड़े बेटे आशीष कुमार ने अपनी 18 साल की बहन दीक्षा से शराब पीने के लिए रुपए मांगे। इस पर दीक्षा ने रुपए होने से इन्कार कर दिया तो आशीष अपना आपा खो बैठा और उसने गुस्से में आकर दीक्षा को पीट दिया।हालत बिगड़ी तो घबरा गया


आशीष की पिटाई से क्षुब्ध होकर दीक्षा ने जहरीला पदार्थ खा लिया। उसकी हालत बिगडऩे लगी। यह देखकर आशीष घबरा गया और परिजनों के डांटे जाने के डर से उसने भी जहरीला पदार्थ खा लिया। जहर खाने से दोनों की हालत बिगड़ गई। यह देखकर आशीष के छोटे भाई दीपक ने ताऊ रामबाबू व परिजनों को जानकारी दी तो सभी मिलकर दोनों को विकास नगर स्थित निजी अस्पताल ले गये। 4 घंटे चला इलाज

चार घंटे तक उपचार के बाद डॉक्टरों आशीष और दीक्षा की हालत गंभीर देखकर उन्हें एनएलआर अस्पताल के लिये रेफर कर दिया। जहां देर रात दोनों की उपचार के दौरान मौत हो गई। शिवराजपुर थाना प्रभारी प्रदीप कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि भाई-बहन के बीच विवाद हुआ था जिसे लेकर दोनों ने जहरीला पदार्थ खा लिया। हालत बिगडऩे पर उन्हें एलएलआर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां देर रात उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।पांच महीने पहले आया थाताऊ रामबाबू ने बताया कि आशीष पानीपत में प्राइवेट नौकरी करता था। पांच महीने पहले ही वह यहां आया था। जिसके बाद से वह अक्सर शराब पीता था और नशे का लती हो गया था। परिवार की तीन बीघा खेती की देखरेख के लिये पिता सुरेन्द्र बाबू आशीष पर ही निर्भर थे। शराब का लती होने के चलते आशीष आए दिन घर में विवाद करता रहता था।

Posted By: Inextlive