ब्रितानी दूतावासों से अजीबोग़रीब अनुरोध
लेकिन विदेश मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि उन्हें कुछ अजीबोग़रीब अनुरोध और अर्जी मिलती हैं, जिन्हें पूरा नही किया जा सकता। प्रिंस चार्ल्स के जूते का नंबर क्या है? छुट्टी के लिए किस तरह के कपड़े पैक किए जाए? मुर्गी का दड़बा कैसे बनाया जाता है? पॉप स्टार फ़िल कॉलिंस का फोन नंबर क्या है?
यह कुछ ऐसे सवाल है जिसने ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय को हैरानी और परेशानी में डाल दिया है। देश के बाहर रह रहे नागरिकों को ब्रिटेन का दूतावास मदद देता है, लेकिन उन्हें कई निवेदन ऐसे मिलते हैं जिनका वह जवाब नहीं दे सकते।दूतावास मामलों के मंत्री जेरेमी ब्राउन कहते हैं, "हम हमेशा मदद के लिए तैयार रहते हैं लेकिन हमारी मदद की भी सीमा है। यह बेहद ज़रूरी है कि लोग समझे हम किस तरह की मदद कर सकते हैं."अजीबोग़रीब अनुरोधकुछ अर्जिया जिसने दूतावासों को परेशान किया है उनके नमूनों पर नज़र डालिए। फ्लोरिडा दूतावास में फ़ोन पर एक आदमी ने पूछा कि उसे घर में बहुत चींटियां हैं और उन्हें कैसे भगाया जाए। मॉस्को में एक महिला ने अपने कमरे में तेज़ भनभनाहट के शोर होने की शिकायत की। दुबई में एक व्यक्ति ने दूतावास से कहा कि कस्टम में उनके कुत्ते से मिला जाए और सारी कागज़ी कारवाई पूरी की जाए। ग्रीस में पूछा गया कि मछली पकड़ने के लिए सबसे बढ़िया जगह कौन सी है।
विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस तरह के निवेदनों से सिर्फ़ समय ख़राब होता है। ब्राउन कहते हैं कि उनका मुख्य लक्ष्य सचमुच किसी बड़ी मुश्किल में फंसे लोगों को मदद करने का है।वह कहते हैं, "हम ऐसे लोगों की मदद करना चाहते हैं जो बड़ी दिक्कतों में फंसे हो जैसे गंभीर जुर्म के शिकार लोग, जिन्हें विदेश में जेल की सज़ा मिली हो या फिर जिनका कोई क़रीबी गुज़र गया हो। लेकिन छोटे-मोटे निवेदनों से हमारा समय ख़राब होता है."नया कॉल सेंटरइंग्लैंड के विदेश और कॉमनवेल्थ ऑफि़स को हर साल 20 लाख पूछताछ के सवाल आते है। वर्ष 2010 में उनके पास 19 हज़ार ऐसे मामले आए, जिसमें ब्रिटेन के नागरिकों ने मदद की गुहार की गई थी। इस तरह के निवेदनों में गिरफ़्तारी, मौत, अस्पताल में भर्ती करवाना और ज़बरदस्ती हुई शादी में मदद जैसे गंभीर मामले शामिल थे।
इस साल की शुरुआत में विदेश मंत्रालय ने मलागा में एक कॉल सेंटर की स्थापना की जिसका मकसद ज़रूरी अनुरोधों को ग़ैर ज़रूरी अर्ज़ियों से अलग करना है। यह कॉल सेंटर इटली, स्पेन, पुर्तगाल और एंडोरा में ब्रिटेन के दूतावासों को मदद देता है।
टेनेरीफ़ में ब्रिटेन दूतावास की एक कर्मचारी मारिया लेंग कहती हैं कि उन लोगों का काफी समय ऐसी अर्ज़ियों में ख़राब हो जाता था, जिनमें वे कोई मदद नहीं कर सकते थे। लेकिन मलागा में कॉल सेंटर खुलने के बाद अब बहुत मदद मिल रही है।