डेवलपमेंट पर लग सकता है ब्रेक
- 14वें वित्त आयोग से मिले बजट से कहीं ज्यादा हो गए विकास कार्य
- 128 करोड़ के मुकाबले 188 करोड़ रुपए के कराए जा रहे कार्य KANPUR: नगर निगम द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यो पर ब्रेक लग सकता है। 14वें वित्त आयोग से मिली ग्रांट के मुकाबले कहीं ज्यादा के विकास कार्य कराने से अब नगर निगम के सामने फाइनेंशियल क्राइसिस खड़ी हो गई है। इसको देखते हुए अब उन कार्यो को कैंसिल करने की लिस्ट बनाई जा रही है, जिनका कार्य अभी शुरू नहीं हो सका है या जिनका वर्कऑर्डर जारी नहीं हुआ है या जिनका सिर्फ टेंडर हो चुका है। नगर आयुक्त ने चीफ इंजीनियर से ऐसे सभी कार्यो की लिस्ट मांगी है। लिस्ट मिलने के बाद इन पर डिसीजन ि1लया जाएगा। इतना पैसा नहीं बचा किफाइनेंशियल ईयर-2019-20 में 14वें वित्त आयोग के तहत 128.33 करोड़ रुपए की ग्रांट नगर निगम को मिली थी। लेकिन 188.61 करोड़ रुपए के विकास कार्य की योजना स्वीकृत हो गई। ऐसे में नगर निगम के ऊपर 60.27 करोड़ रुपए लाइबिल्टी खड़ी हो गई है। इस पैसे का पेमेंट बचत, नगर निगम निधि व 12वें, 13वें और 14वें वित्त आयोग के बजट से किया जाना था, लेकिन लॉकडाउन में मई और जून महीने की सैलरी 68 करोड़ रुपए अपने पास से देने पड़े। ऐसे में नगर निगम के पास अब इतना पैसा नहीं बचा कि वह 60 करोड़ रुपए का पेमेंट अपने पास से कर सके। ऐसे में चीफ अकाउंटेंट ऑफिसर ने नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी को सभी कार्यो को कैंसिल करने के लिए लेटर लिखा है।
कहीं से रास्ता न देख 60 करोड़ रुपए की लाइबिल्टी को क्लीयर करने के लिए नगर निगम निधि से इतनी बड़े अमाउंट की पेमेंट नहीं की जा सकती है। कहीं से रास्ता न देख अब चीफ इंजीनियर एसके सिंह ने सभी जोनल अभियंताओं से ऐसे कार्यो की लिस्ट मांगी है, जो अभी तक शुरू नहीं हो सके हैं। लिस्ट आने के बाद नगर आयुक्त इस पर फैसला लेंगे। कई कार्य ऐसे हैं जो 12वें, 13वें और 14वें वित्त आयोग के तहत टेंडर किए गए थे, लेकिन अभी तक वे शुरू ही नहीं किए जा सके हैं। अब इनको कैंसिल किया जा सकता है। खर्च हुई 14वें वित्त आयोग की ग्रांट फाइनेंशियल ईयर जारी यूज्ड बाकी2016-17 89 89 00
2017-18 125 125 00 2018-19 96 96 00 2019-20 128 128 00 नोट- जारी और यूज्ड ग्रांट करोड़ रुपए में। '' जो विकास कार्य टेंडर होने के बाद भी शुरू नहीं हो सके हैं, उनकी लिस्ट सभी 6 जोन से मांगी गई है। लिस्ट तैयार करने के बाद ही इस पर फैसला होगा.'' -एसके सिंह, चीफ इंजीनियर --- '' लिस्ट तैयार होने के बाद ही इस पर डिसीजन लिया जाएगा। गैरजरूरी या बाद में हो सकने वाले कार्यो को निरस्त कर बाद में कराया जाएगा.'' -अक्षय त्रिपाठी, नगर आयुक्त