सीएसजेएमयू में बनी ब्लड शुगर डाउन करने की मेडिसिन, चूहों पर ट्रायल स्टार्ट
कानपुर (दिव्यांश सिंह)। शुगर के पेशेंट्स के ब्लड शुगर लेबल डाउन करने के लिए जैविक मेडिसिन जल्द ही मार्केट में आ जाएगी। सीएसजेएमयू में जैविक प्रोडक्ट्स का यूज करके एक ऐसी मेडिसिन को बनाया गया है जो कि ब्लड शुगर लेबल डाउन करने में कारगर है। इस मेडिसिन का एनिमल ट्रायल स्टार्ट हो चुका है। पहले स्टेप में चूहों पर ट्रायल किया जा रहा है, जिसमेें सक्सेस मिल रही है। चूहों में ट्रायल पूरा होने के बाद किसी बड़े जानवर पर इसका ट्रायल किया जाएगा। सीएसजेएमयू ने मेडिसिन को मार्केट में लाने के लिए मास्टर प्लान भी रेडी कर लिया है। हर स्टेज पर ट्रायल पूरा होने और आईसीएमआर से परमिशन मिलने के बाद इसको शुगर पेशेंट्स के लिए मार्केट में लाया जाएगा।
एनिमल हाउस मेें चूहों की बढ़ाई और घटाई जा रही शुगर
सीएसजेएमयू के डिसीज इंफेक्शन बायोलाजी एनिमल हाउस में इस दवा का ट्रायल चल रहा है। लैब में चूहों नकली डायबिटीज देकर उनके शुगर लेबल को बढ़ाया जा रहा है। उसके बाद प्लांट्स के एंजाइम से तैयार की गई दवा को इंजेक्शन और नार्मल ड्रिंकिंग प्रोसेस से दिया जा रहा है। मेडिसिन के शुरुआती ट्रायल में साइंटिस्टों को सक्सेस मिल रही है। अब यह देखा जा रहा है कि इंजेक्शन या नार्मल ड्रिंकिंग प्रोसेस में से किस तरह से मेडिसिन ज्यादा इफेक्ट कर रही है। इस ट्रायल को कंपलीट होने के बाद बड़े जानवर पर इसका ट्रायल किया जाएगा।
सीएसजेएमयू की लैब में तैयार मेडिसिन मार्केट में मिल रही मेडिसिन से बहुत अलग है। इसको प्लांट्स के रसों से बनाया गया है। उदाहरण के तौर पर हल्दी से करक्यूमिन लिया गया है। इसी तरह अलग अलग प्लांट्स से अलग अलग एंजाइम्स को लिया गया है। यह दवा पूरी तरह से जैविक और तत्काल रिलीफ देने वाली है। जबकि मार्केट में शुगर कम करने के लिए बिकने वाली दवाएं पूरी तरह से जैविक नहीं होती हैं। कहीं न कहीं उनका साइड इफेक्ट भी होता है। दावा है कि सीएसजेएमयू में तैयार मेडिसिन जैविक होने के कारण किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं करती है।
यह है सीएसजेेएमयू का सुपर प्लान
सीएसजेएमयू ने मेडिसिन बनाने के साथ साथ इसको मार्केट में लाने का सुुपर प्लान भी रेडी कर लिया है। इस दवा का ट्रायल पूरा होने और इंडियन काउंसिल फार मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की परमिशन के बाद इसको मार्केट में लाया जाएगा। इस काम के लिए सीएसजेएमयू अपने इनोवेशन फाउंडेशन के जरिए किसी स्टार्टअप कंपनी से इस मेडिसिन को मार्केट में लाने की तैयारी में है। इसके अलावा यदि कोई स्टार्टअप मेडिसिन को मार्केट में लाने के लिए नहीं मिला तो दवा का मैथड और टेक्निक किसी स्वदेशी कंपनी को कंडीशन के साथ ट्रांसफर की जाएगी। स्वदेशी कंपनी को ही ट्रांसफर किए जाने के पीछे मकसद यह है कि मेडिसिन की कीमत न बढऩे पाए।
प्रो। विनय कुमार पाठक, वीसी, सीएसजेएमयू फाइटोकेमिकल से डायबिटीज की दवा तैयार की गई है जो कि बढ़े हुए ब्लड शुगर लेबल को डाउन करती है। फस्र्ट स्टेज मेें चूहों पर ट्रायल किया जा रहा है, जिसमे सफलता मिली है। आने वाले दिनों में ट्रायल के स्टेप को आगे बढाय़ा जाएगा। इस मेडिसिन पर डॉ। अनुराधा कलानी और टीम काम कर रही है।
प्रो। सुधीर कुमार अवस्थी, प्रोवीसी, सीएसजेएमयू