सिटी में एयर पॉल्यूशन कम करने के लिए स्मार्ट सिटी के तहत पनकी भौसिंह में प्लास्टिक वेस्ट टू डीजल का प्लांट लगाया जा रहा है. इस प्लांट में प्लास्टिक कचरे से बायोडीजल डीजल बनाया जाएगा. स्मार्ट सिटी के अधिकारियों का कहना है कि यह प्लांट अगस्त से चालू करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके चालू होने से शहर में काफी हद तक पॉल्यूशन को कंट्रोल किया जा सकेगा.

कानपुर (विष्णु तिवारी) प्लांट शुरू होने के बाद अधिक से अधिक प्लास्टिक कचरे का निस्तारण किए जाने की योजना है। इस प्लांट को भोपाल की पवित्रा वेस्ट मैनेजमेंटकंपनी लगा रही है। प्लांट लगने से पॉल्यूशन तो कम होगा बल्कि रोजाना 2500 लीटर डीजल भी तैयार होगा। पिछले दिनों कंपनी यहां से 5 टन प्लास्टिक कचरा ले गई थी, जिसकी लैब में टेस्टिंग कराई गई थी। लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से प्लांट तैयार किया जा रहा है।

500 टन कचरे का रोज निस्तारण
अधिकारियों के मुताबिक, प्लांट में भोपाल से मशीन भी आ गई है। जिसे अब इंस्टाल करने का प्रोसेस चल रहा है। यहां पर लगभग 90 फीसदी तक कार्य पूरा हो चुका है। अधिकारियों ने कंपनी को अगस्त तक चालू करने का लक्ष्य दिया है। शुरू होने से प्लांट में हर रोजाना औसनत 500 टन प्लास्टिक कचरे का निस्तारण हो सकेगा। शुरूआत में लक्ष्य 2500 लीटर डीजल का रखा गया है। बाद में 10 हजार से लेकर 15 हजार लीटर डीजल उत्पादन करने की योजना बनाई गई है।

करोड़ों रुपए की होगी बचत
अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में नगर निगम में लगभग 400 छोटे-बड़े वाहन संचालित हो रहे हैं। इनमें डीजल का खर्च सलाना लगभग पच्चीस करोड़ रुपए आता है। कचरे से डीजल बनाने का प्लांट लगने के बाद नगर निगम वाहनों पर होने वाले खर्च से काफी हद तक राहत मिलेगी। ऐसे में नगर निगम को भी इंतजार है कि जल्द से जल्द प्लांट को शुरू किया जाए। ताकि इसका फायदा मिल सके। वहीं, कंपनी अगर डीजल की ब्रिकी मार्केट में करेगी तो नगर निगम को मुआवजा देगी।

एक नजर में जाने
1.50 करोड़ की लागत से लग रहा प्लांट
2500 लीटर डीजल शुरूआत में बनेगा
10000 से लेकर 15 हजार लीटर का टारगेट
500 टन प्लास्टिक कचरे का निस्तारण
90 फीसदी तक कार्य हुआ पूरा
400 वाहन नगर निगम में संचालित
25 करोड़ रुपए सलाना डीजल पर खर्च

ये मिलेगा फायदा
एयर पॉल्यूशन होगा कंट्रोल
नगर निगम के रेवेन्यू पर पड़ेगा फर्क
नगर निगम के अलावा बाहर भी बिकेगा डीजल
प्लास्टिक कचरा जल्द होगा खत्म
पर्यावरण को भी मिलेगा फायदा

पनकी में प्लास्टिक कचरा पर्याप्त मात्रा में है, इससे डीजल तैयार करने में आसानी होगी। प्लांट पीपीपी मॉडल पर लगाया गया है। प्लांट को अगस्त में चालू करने का लक्ष्य रखा गया है।
आरके सिंह, प्रभारी, स्मार्ट सिटी मिशन

Posted By: Inextlive