-साइबर ठगों के निशाने पर हैं भीड़भाड़ वाले एटीएम, यूजर की एक छोटी सी लापरवाही से खाता हो जाता खाली

-साइबर ठगी के मामले में यूपी में नंबर वन है कानपुर, बीते कुछ सालों में कानपुराइट्स को करोड़ों की चपत लगी

-भीड़भाड़ वाली जगहों पर लगे एटीएम खतरे से खाली नहीं, ठगों के जाल से बचने के लिए अपनाएं स्मार्ट आप्शंस

KANPUR: नोटबंदी के बाद जैसे-जैसे लोग डिजिटल ट्रांजेक्शंस की ओर बढ़े वैसे वैसे ऑनलाइन ठगी के मामले भी तेजी से बढ़ने लगे। ई वैलेट, एटीएम, इंटरनेट बैकिंग, ऑनलाइन शापिंग से लेकर आधार कार्ड के जरिए साइबर ठगी के मामलों में तेजी आई। आम आदमी से लेकर आईआईटी के प्रोफेसर्स तक साइबर ठगों के जाल से नहीं बच सके। कानपुर इन मामलों में यूपी के सबसे अव्वल सिटीज में शुमार हो गया है। यहां एटीएम फ्रॉड के मामले सबसे ज्यादा सामने आए हैं। बीते तीन सालों की ही बात करें तो साइबर ठगों ने एटीएम फ्रॉड के जरिए की कानपुराइट्स को करोड़ों की चपत लगाई है।

ठगी का आया नया ट्रेंड

वहीं बीते कुछ दिनों से एक नया ट्रेंड भी सामने आया है। सिटी के भीड़भाड़ वाले इलाकों में लगे एटीएम में ठगी की घटनाएं सामने आई हैं। इसमें एक पैटर्न जो बेहद कामन देखा गया वह था एटीएम में कार्ड लगाने वाली जगह पर स्कीमर डिवाइस लगा देना। वेडनसडे को भी आर्यनगर स्थित एक प्राइवेट बैंक के एटीएम में ट्रांजेक्शन के दौरान खाताधारक ने एक ऐसी ही डिवाइस को निकाला। जिससे साफ हो गया कि साइबर ठगी करने वाले सिर्फ आपकी एक गलती का इंतजार करते हैं। आप उनके जाल में फंसे और आपका खाता खाली। लेकिन, अलर्ट रहते हुए कुछ बातों का ध्यान रखकर आप आसानी से साइबर ठगी से बच सकते हैं।

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निकल गया पैसा तो पाना मुश्किल

दरअसल साइबर ठगी के मामलों में सबसे बड़ी प्रॉब्लम पैसा वापस मिलने की की होती है। कंप्लेन करने पर कई बार बैंक इन केसेस में हीला हवाली करते हैं। साइबर ठगी के ज्यादातर मामलों में ठगी करने वाला कहीं दूर बैठा होता है। ऐसे में पुलिस को पता चल जाने के बाद भी उसके पास तक नहीं पहुंच पाती। बीते तीन सालों में साइबर ठगी के ज्यादातर मामलों में झारखंड़ के कई शहरों का नाम भी आया है। जहां बैठे साइबर ठगों ने कानपुर में खाताधारकों को लाखों का चूना लगाया है.कुछ यही ट्रेंड एटीएम मशीनों में कार्ड स्कीमर डिवाइस लगाकर ठगी करने वालों का भी है। ज्यादातर मामलों में इन केसेस का खुलासा नहीं होता है।

लॉकडाउन में बढ़ा साइबर क्राइम

मार्च में लॉकडाउन लागू होने के बाद से सिटी में साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। सिर्फ अप्रैल महीने में ही साइबर फ्रॉड के 40 केसेस सामने आए। इसमें आनलाइन फ्रॉड के साथ एटीएम फ्रॉड की शिकायतें भी शामिल हैं। बीते कुछ सालों से कानपुर यूपी ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत में साइबर क्राइम के मामलों में दिल्ली के बाद अव्वल रहा है। वहीं लॉकडाउन में तो जैसे साइबर ठगों को ठगी का मौका मिल गया हो। अगस्त महीने में भी एटीएम फ्रॉड की 36 शिकायतें पुलिस को अलग अलग थानों में मिली हैं।

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आनलाइन ठगी और एटीएम फ्रॉड की घटनाएं ऐसे बढ़ीं

2100- एटीएम कार्ड क्लोनिंग की शिकायतें साल 2017 में हुई

5000- एटीएम कार्ड क्लोनिंग की शिकायतें 2019 में हुई

8487- डिजिटल बैकिंग से जुड़ी शिकायतें 2017 में

14,794- डिजिटल बैकिंग से जुड़ी शिकायतें 2019 में

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एटीएम ज्यादा यूज करते हैं तो ये सावधानी जरुर बरतें-

- समय समय पर अपना पिन नंबर चेंज करते रहे, कभी भी इसे किसी के साथ शेयर नहीं करें

- सन्नाटे वाली जगहों पर लगे एटीएम यूज करने से बचें, बैंक के साथ मौजूद एटीएम का प्रयोग करें

- एटीएम में जाने से पहले यह चेक कर लें कहीं कोई आप पर नजर तो नहीं रखे रखा है

- एटीएम का यूज करने के दौरान कोई अन्य शख्स उसके अंदर न हो, एटीएम का गार्ड भी नहीं

- एटीएम यूज के दौरान ज्यादा ऑप्शंस या अलग अलग तरह के नंबर मांगे तो सावधान रहें

- जहां एटीएम कार्ड लगाते हैं वहंा हाथ लगा कर देखें कोई चिप जैसी चीज बाहर तो नहीं निकली है

- एटीएम में किसी बेतरतीब जगह पर तो कोई कैमरा तो नहीं लगा है, लगा है तो अलर्ट हो जाएं

- अब कई बैंक एटीएम में कई तरह के सिक्योरिटी फीचर देते हैं उनका इस्तेमाल करें

- फोन पर कोई बैंक कर्मचारी बन एटीएम के सीवीवी या पिन मांगे तो बिल्कुल भी न बताएं

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भीड़भाड़ वाली जगहों के एटीएम नहीं सुरक्षित

- मालरोड एसबीआई के एटीएम में स्किमर लगा कर ठगी का खुलासा

- परेड स्थित यूको बैंक के एटीएम में ठगी की शिकायत

- चुन्नीगंज पीएनबी का एटीएम खुद पुलिस ने असुरक्षित घोषित किया

- आईआईटी एसबीआई का एटीएम कार्ड यूज करने वाले कई सीनियर प्रोफेसर्स के खातों से निकली रकम

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Posted By: Inextlive