बरसों से यहीं रहते आ रहे, इस बार लिस्ट से हो गए बाहर
कानपुर (ब्यूरो) पब्लिक ने कहा कि चुनाव से पहले बीएलओ की ड्यूटी लग जाती है। बीएलओ ड्यूटी करने वाले सरकारी महकमे के लोग सिर्फ खानापूरी करते हैैं। वह एक जगह बैठकर पूरे इलाके की वोटर लिस्ट तैयार करते हैैं, जिसका खामियाजा यह है कि बरसों से यहां रहने वालों को भी वोटर लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। ऐसे में चुनाव की तैयारी कर रहे कैंडीडेट अपने घर-ऑफिस पर बीएलओ को बैठाकर, जिस एरिया या फैमिली से वोट नहीं मिलना है वहां का नाम कटवा देते हैैं।
मैैं बीते कई सालों से वोट डालती आ रही हूं। रामलाल स्कूल मेें वोट डालने गई तो पता चला कि लिस्ट में नाम ही नहीं है। ऐसी वोटर लिस्ट से वोटिंग होगी तो क्लीन गवर्नमेंट नहीं बन सकती।डॉ। अर्चना दीक्षित, काकादेव
विधानसभा वाले चुनाव में तो वोट दिया था। कैंप में पर्ची बनवाने गया तो बताया गया कि लिस्ट में नाम ही नहीं है। न जाने किस सरकारी सिस्टम से वोटर लिस्ट बनाई जाती है। मैैं तो इसे फेयर इलेक्शन नहीं बोलूंगा।
श्रेष्ठ मिश्रा, मिर्जापुर
40 साल से यहीं पर रह रहे हैैं। पहली बार मुझे वोटिंग लिस्ट से ही बाहर कर दिया गया है। बीएलओ एक जगह बैठकर लिस्ट बनाते हैैं। घर घर जाएंं तो सही लिस्ट बने।
श्याम नारायण, कल्याणपुर अशोक नगर