पानी के दोहन को लेकर हो जाएं अलर्ट, क्रिटिकल जोन में कानपुर
कानपुर (ब्यूरो) सेंट्रल ग्र्राउंड वाटर बोर्ड की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर डिस्ट्रिक्ट का नगर निगम एरिया और चौबेपुर ब्लाक दोनों ही क्रिटिकल जोन में है। जबकि सरसौल, बिधनू, घाटमपुर, बिल्हौर, पतारा व शिवराजपुर ब्लॉक सेमी क्रिटिकल जोन में है। सिटी का ग्र्राउंड वॉटर लेवल तेजी से गिर रहा है। पिछले दो वर्ष में कल्याणपुर आवास विकास, किदवई नगर आदि एरिया में एक से दो मीटर तक वॉटर लेवल गिर चुका है। ग्र्राउंड वॉटर डिपार्टमेंट के इम्प्लाइज के मुताबिक, सिटी के लगभग हर एरिया में ग्र्राउंड वॉटर लेवल गिर रहा है।
रेन वॉटर हार्वेस्टिंग में लापरवाही
अंडरग्राउंड वॉटर लेवल के तेजी से गिरने के पीछे मेन रीजन ग्र्राउंड वॉटर का अधाधुंध दोहन और ग्र्राउंड वॉटर की रीचार्जिंग के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाए जाने में लापरवाही है। इसी वजह से 300 स्क्वॉयर मीटर से अधिक एरिया वाली बिल्डिंग में शासन ने रेन वॉटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाना भी कम्प्लसरी किया था। लेकिन इसमें भी मनमानी की जा रही है। नक्शा पास कराने के बाद लोग रेन वॉटर हार्वेस्टिंग प्लांट नहीं लगाते या फिर उसे सही रखने में लापरवाही बरतते हैं।
तालाबों पर हो गए कब्जे
रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट के अलावा ग्र्राउंड वॉटर रीचार्जिंग का जरिया नदी, तालाब, झील आदि हैं। लेकिन तालाबों को पाटकर उन पर कब्जा किया जा रहा है। हाल में एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से कराए गए सर्वे के मुताबिक कानपुर डिस्ट्रिक्ट में 1086 तालाब है, इनमें 286 तालाबों के खासे हिस्से में अवैध कब्जा किया जा चुका है। शायद देशभर में गिरते वाटर लेवल को देखते हुए सेंट्रल गवर्नमेंट ने अमृत योजना शुरू की है, जिससे अधिक से अधिक तालाब डेवलप कर रेन वाटर को सहेजा जा सका। इसी कड़ी में नगर निगम भी सिटी में स्थित जूही, गंगापुर, चकेरी सहित 11 तालाबों को संवार रहा है।
पॉल्यूटेड भी हो रहा पानी
ग्र्राउंड वाटर के गिरते स्तर के कारण ही सिटी में लगे ज्यादातर हैंडपम्प दम तोड़ चुके हैं। इसी तरह जलस्तर और गिरने के कारण घरों में लगे जेटपम्प भी जवाब दे चुके हैं। अब लोगों को सबमर्सिबल पम्प लगाना पड़ रहा है। जाहिर इससे बिजली का बिल भी बढ़ेगा। यही नहीं गिरते ग्र्राउंड वॉटर लेवल के कारण पॉल्यूशन की समस्या भी फेस करनी पड़ रही है। पिछले दिनों कई मोहल्लों में मानक से अधिक यूरेनियम तक मिल चुका है। इससे पहले जूही राखी मंडी में अंडरग्र्राउंड वाटर में क्रोमियम मिला था।
ऐसे तय होती है स्थिति
अंडर ग्र्राउंड वाटर डिपार्टमेंट के हाइड्रोलॉजिस्ट डॉ। अविरल सिंह ने बताया कि सेंट्रल लेवल पर ग्र्राउंड वाटर एस्टीमेशन कमेटी होती है जो भूगर्भ जल का आंकलन करती है। कानपुर डिस्ट्रिक्ट के नगर निगम एरिया और चौबेपुर ब्लॉक को क्रिटिकल जोन घोषित किया गया है। इसकी वजह ये है कि इन दोनों जगहों पर ग्र्राउंड वॉटर की रीचार्जिंग की तुलना में इसका इस्तेमाल 90 परसेंट अधिक हैं। हालांकि चौबेपुर ब्लाक एरिया की स्थिति पहले की तुलना में सुधरी है। पहले 100 परसेंट से अधिक यूज होने के कारण यह ओवर एक्सप्लॉइटेड की कैटेगरी में था। इसी तरह 50-70 परसेंट तक ग्र्राउंड वाटर का एक्सप्लॉएटेशन की वजह से कानपुर नगर के 6 ब्लाक एरिया सेमी क्रिटिकल जोन में हैं। 50 परसेंट से कम एक्सप्लॉएटेशन वाले एरिया फिलहाल सेफ जोन में है।
रीचार्जिंग की तुलना में 70 परसेंट तक अधिक यूज-सेमी क्रिटिकल जोन
रीचार्जिंग की तुलना में 50 परसेंट से कम यूज -सेफ जोन
क्रिटिकल जोन
कानपुर नगर निगम एरिया और चौबेपुर ब्लाक सेमी क्रिटिकल जोन
सरसौल, बिधनू, घाटमपुर, बिल्हौर, पतारा व शिवराजपुर
सेफ जोन
भीतरगांव, कल्याणपुर, ककवन ग्र्राउंड वाटर का हाल (पोस्ट मानसून)
एरिया- लेवल(2020)-- लेवल(2022)
कल्याणपुर आ.वि.-15.75-16.85
कालपी रोड- 29.98 --30.55
श्याम नगर- 25.30 -- 25.75
जाजमऊ प्योंदी-- 6.75 -- 7.40
हंसपुरम-- 16.95--17.05
गुजैनी अंबेडकर नगर-- 16.55 -16.75
किदवई नगर संजय वन-- 18.95 -- 21.47
नोट: ग्राउंड वाटर लेवल मीटर में है।