नई सड़क उपद्रव के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी पूर्व सपा नेता निजाम कुरैशी समेत अन्य सात लोगों की जमानत अर्जी शुक्रवार को खारिज हो गई. हयात की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि बंदी की अपील वापस ले ली थी जिसकी सूचना पुलिस के आलाधिकारियों को दे दी थी. इस पर अभियोजन ने तर्क दिया कि दस दिन से साजिश रची जा रही थी. एक दिन पहले वाट््सएप ग्रुप पर अपील वापस ले ली गई जबकि हजारों लोगों को पर्चें और पोस्टर के माध्यम से हुई सूचना ने ही उपद्रव करा दिया. हजार-हजार रुपये देकर ईंट पत्थर चलवाए गए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद एडीजे ने जमानत अर्जी निरस्त कर दी.

कानपुर (ब्यूरो) नई सड़क उपद्रव में सात आरोपियों की 21 जमानत पर सुनवाई शुरू हुई। उपद्रव के मास्टर माइंड और मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन का राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जफर हाशमी की ओर से जमानत पर तर्क दिए गए कि बंदी की शांतिपूर्वक घोषणा की थी। पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर एक दिन पहले घोषणा वापस ले ली थी। तर्क दिया कि 43 करोड़ की फंङ्क्षडग बतायी जा रही है जबकि सिर्फ पीएनबी में एक खाता है जिसमें तीन हजार रुपये बैलेंस हैं। इस पर विशेष लोक अभियोजन पंकज त्रिपाठी ने कहा कि पूरी घटना का सूत्रधार हयात है। यह घटना पूर्व नियोजित थी जिसके साक्ष्य पुलिस को मिले हैं। दस दिन पहले से बंदी की तैयारी शुरू कर दी गई थी।

इनकी खारिज हुई जमानत
-हयात जफर हाशमी निवासी प्रेमनगर चमनगंज
-निजाम कुरैशी निवासी नई सड़क
-राहिल निवासी नई सड़क
-मो। हसीब निवासी चमनगंज
-मो। मेहताब निवासी कोपरगंज बांसमंडी
-गुलाम गौस निवासी बेकनगंज
-मोअज्जम शरीफ निवासी पेचबाग हलीम कंपाउंड

हयात, निजाम समेत अन्य आरोपित मुख्तार और वसी के साथ मिलकर चंद्रेशवर हाते को खाली कराना चाहते थे। इसी को लेकर उपद्रव की पूरी साजिश रची गई। हजार-हजार रुपये देकर ईंट पत्थर चलाने वाले लाए गए। न्यायालय ने इन तथ्यों के आधार पर जमानत अर्जी निरस्त कर दी है।
-दिनेश अग्रवाल, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता

Posted By: Inextlive