नौबस्ता थानाक्षेत्र के आवास विकास कार्यालय में तैनात बाबू को एंटी करप्शन विभाग ने 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. भवन निर्माण के दौरान नक्शा पास करने के लिए बाबू ने 10 हजार रुपये ïआवास विकास में रहने वाले युवक से मांगा था. कई बार रुपये न होने की बात कहने पर भी बाबू नहीं माना तो पीडि़त ने मामले की जानकारी एंटी करप्शन विभाग को दी. जिसके बाद प्लान करके ट्रैप किया गया. बुधवार को जब पीडि़त रुपये देने बाबू के पास गया तो बेंजाडीन से भीगे नोट टीम ने पीडि़त को दे दिए थे. नोट पर हाथ लगाते ही बाबू के हाथ रंग गए और उसे मौके पर ही दबोच लिया गया.


कानपुर (ब्यूरो) नौबस्ता पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक आवास विकास निवासी राजेश मिश्र अपना मकान बनवा रहे हैं। जिसका नक्शा पास कराने के लिए उन्होंने आवास विकास के ऑफिस में आवेदन किया था। आवास विकास परिषद में तैनात वरिष्ठ सहायक मो। इसरार फाइल को लटकाए हुए था। वह फाइल पास करने के लिए 50 हजार रुपये की मांग कर रहा था। इसके बिना फाइल बढ़ाने का तैयार नहीं था। हालांकि कुछ रुपये पहले भी राजेश इसरार को दे चुके थे। लेकिन मुंह मांगी रकम न मिलने पर मंगलवार को इसरार ने भवन निर्माण का काम रुकवा दिया। रुपए देते ही दबोचा
लगातार रुपयों की मांग से परेशान राजेश ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत करते हुए पूरे मामले की जानकारी दी। पूरी जानकारी के बाद टीम ने बुधवार को राजेश को दस हजार रुपये लेकर दफ्तर भेज दिया। इन नोट पर बेंजाडीन पाउडर लगाकर रुपए दिए गए थे। राजेश ने रुपये इसरार को दिए। वहीं पहले से दरवाजे और खिडक़ी के पास खड़े एंटी करप्शन विभाग के लोगों ने फोटो ग्राफी करते हुए इसरार को गिरफ्तार कर लिया। उसकी जेब से 10,000 रुपये मिले। पहले तो इसरार ने टीम को दबाव में लेने की कोशिश की लेकिन जब उसे बचने का कोई रास्ता न दिखा तो वह टीम के आगे गिड़गिड़ाने लगा। आनन फानन में टीम उसे लेकर नौबस्ता थाने पहुंची, जहां मो। इसरार के खिलाफ केस दर्ज किया गया।

Posted By: Inextlive