दहशत की नींव पर बाबा ने खड़ा किया कारोबार
कानपुर (ब्यूरो) स्वरूप नगर स्थित भूखंड संख्या 112/338 और 112/339 जिसका क्षेत्रफल 400 वर्गगज है, मुमताज अहमद उर्फ कल्लन ने वर्ष 1972 में खरीदा था। तब यहां गैराज हुआ करता था। जैसे जैसे आबादी बढ़ी यहां की जमीनों की कीमत आसमान छूनें लगी और यह क्षेत्र पाश एरिया के रूप में जाना जाने लगा। बात वर्ष 2001 की है। मुख्तार बाबा ने तब मुमताज से भूखंड के आगे पतीला लगाने के लिए जगह मांगी थी। मुमताज की सहमति मिलने के बाद उसने बिरयानी का पतीला लगाना शुरू कर दिया। तब बिरयानी बेकनगंज से बनकर आती थी। इसी बीच मुमताज ने दो दुकानें बनवायीं जिसे तब बाबा ने चार हजार रुपये किराए पर ले लिया। 2010 में बेटे आदिल और 2016 में मुमताज की मौत होने के बाद बाबा ने भूखंड में आरपार करीब आठ दुकानों पर कब्जा कर लिया। भूखंड की मालकिन रानी उर्फ जीनत आजमी बताती हैं कि बाबा आठ दुकानों का 13 हजार रुपये देता है जबकि वह खुद बगल में किराये पर रहती हैं। उनके कब्जे में एक दुकान भी है जिसका किराया वह 10 हजार रुपये से ज्यादा देती हैं।
मालिक करता है कार पार्किंग
छोटा बेटा राहिल क्या करता है के सवाल पर रानी भावुक हो जाती हैं। आंसू पोछते हुए बताती हैं कि वह काकादेव में कार पार्किंग करता है। करोड़ों रुपये की संपत्ति का मालिक होने के बावजूद वह चंद हजार की नौकरी कर रहा है। वह खुद ब्रेस्ट कैंसर से पीडि़त हैं। जो कुछ मिलता है वह इलाज और किराए में चला जाता है।
रानी कहती हैं कि वह वर्ष 2017 से अपनी संपत्ति पर कब्जे को लेकर पुलिस के पास जा रही हैं। कई प्रार्थना पत्र दिए लेकिन पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। यहां तक कि बेटे को मारने की धमकी तक दी गई लेकिन तब भी पुलिस ने नहीं सुना। जब भी संपत्ति खाली करने के लिए कहो तो मुख्तार कहता है कि नहीं खाली करेंगे, क्या कर लोगी। बाबा की शह पर हो गया कब्जा
मुख्तार बाबा ने आठ दुकानों पर कब्जा कर रखा है जबकि उसकी शह पर कई और दुकानदार भी कब्जा किए हुए हैं। रानी बताती हैं कि यहां सगे भाई सलमान और इरफान कपड़े का कारोबार करते हैं। उनके पास तीन दुकानें हैं। शोएब खान का भी एक दुकान पर कब्जा है। सुभाष पाहूजा के पास दो दुकानें हैं जबकि उसके भाई धनराज पाहूजा के पास एक दुकान है।