अस्तित्व के लिए जूझते दुनिया के 'बदसूरत' जीव
लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती के सबसे दुर्लभ और विलुप्त होने की कगार पर वो जीव हैं जो आम लोगों के लिए आकर्षक नहीं है। वो बेहद अनमोल हैं और यही बात उन्हें बेहद अनूठा बनाती है।
जियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन ऐसे ही दुर्लभ और सुंदर ना दिखने वाले जीवों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है। इस योजना का नाम है, इवोल्यूशनेरली डिस्टिंक्ट एंड ग्लोबली एंडेजर्ड (एज)।इस योजना के निदेशक कार्ली वॉटरमेन कहते हैं, “मुझे उन सभी जीवों से प्रेम है जो एज की सूची में शामिल हैं। लेकिन मुझे लगता है कि इन जानवरों में से कुछ को अतिरिक्त देखभाल की ज़रूरत है ताकि उन्हें आम लोगों के दिलों में जगह मिल सके.” आइए नज़र डालते हैं उन जीवों पर जो दिखने में कम खूबसूरत हैं, ताकि वो संरक्षण के अगले ब्रांड एबेंसडर बन सकें।
लंबी चोंच वाला एकिडनालंबी चोंच वाले एकिडना पापुआ न्यू गिनी में पाए जाते हैं जहां ये अपनी लंबी चोंच से गीली ज़मीन को कुरेदकर कीड़े खाते हैं। ये प्रजाति 20,000 साल पहले ऑस्ट्रेलिया से विलुप्त हो गई, जब वहां का वातावरण सूख गया और उन्हें खाने के लिए कुछ नहीं मिला।
शोधकर्ता ये जानकर इस की तरफ बहुत आकर्षित हुए कि इस जीव का दिमाग बहुत बड़ा है। एकिडना के दिमाग का आधा हिस्सा ग्रे मैटर है जिसकी वजह से ये तर्क रख सकते हैं, सीख सकते हैं और याद कर सकते हैं। एक आम आदमी के दिमाग में लगभग एक तिहाई ग्रे मैटर होता है।लेकिन एकिडना का यही तेज़ दिमाग और चालाकी, शोधकर्ताओं के लिए बड़ी चुनौती साबित होती हैं और एकिडना को शोध के लिए बेहद मुश्किल विषय बना देती है।गंगा नदी की डॉल्फिननदियों में पाई जाने वाली बाकी डॉल्फिन की तरह ही इन डॉल्फिनों की नज़र कमज़ोर होती है। मटमैले पानी की वजह से इन्हें देखने की ज़रूरत कम महसूस होती है और इसलिए इनकी आंखें कमज़ोर और बहुत छोटी होती हैं। ये डॉल्फिन भारत, बांग्लादेश और नेपाल के ताज़े पानी की नदियों में पाई जाती है।
इस पर शोध करने वाले डेन चेलेंडर कहते हैं कि ये जीव बहुत ही मज़ाकिया हैं। इनके बारे में लोगों को पता नहीं है लेकिन अगर आप इस जीव का वीडियो देखें तो हो सकता है कि आपको इससे प्यार हो जाए।
चाइनीज़ जायंट सैलेमेंडरमयोर्का मिडवाइफ मेंढक की पहचान 1970 में हुई जब इस मेंढक के अवशेष मिले और इसके कुछ साल बाद इस मेंढक को जीवित रूप में देखा गया। इसी के बाद इस मेंढक को बचाने और इसके प्रजनन को बढ़ावा देने की योजना की शुरुआत हुई।
इस योजना को धक्का तब लगा जब इसकी प्रजनन योजना के दौरान पता चला कि मयोर्का द्वीप और प्रजाति दोनों ही चिटरिड़ फफूंदी से पीड़ित हैं। पूरे विश्व में उभयचरों की संरक्षण परियोजनाएं फिलहाल इसी चिटरिड़ फफूंदी से जूझ रही हैं।इस मेंढक की खासियत है कि नर मेंढक एक बहुत अच्छे पिता साबित होते हैं। वो अंडों को अपने साथ रखते हैं और जब तक अंड़ों से बच्चे नहीं निकलते उनकी देखभाल करते हैं।