जाजमऊ में प्लाट पर कब्जा व आगजनी मामले में सपा विधायक समेत तीनों आरोपियों ने खुद को आरोप मुक्त किए जाने की अर्जी लगाई थी. जिसे विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी ने खारिज कर दिया. साथ ही आदेश दिए हैं कि 24 फरवरी को आरोप तय करने के लिए फाइल पेश की जाए. विधायक पक्ष के अधिवक्ता गौरव दीक्षित का तर्क था कि वह घटना के समय घटनास्थल पर उपस्थित नहीं थे.


कानपुर (ब्यूरो) गौरव दीक्षित ने बताया कि पुलिस ने सीडीआर यानी कॉल डिटेल रिपोर्ट पेश नहीं की है जिससे यह साफ हो जाता कि वह उस समय कहां थे। वहीं एक अन्य आरोपी मो। शरीफ की ओर से दलील दी गई थी कि वह पेंङ्क्षटग व पुट्टी का काम करता है। उसका विधायक जैसे बड़े लोगों से कोई लेना देना नहीं है। पुलिस ने गुडवर्क के नाम पर उसे आरोपी बनाया है। अभियोजन अधिकारी भाष्कर मिश्रा की ओर से इन दलीलों का कड़ा विरोध करते हुए कहा गया था कि आरोपियों के घटना में शामिल होने के सभी साक्ष्य मौजूद हैं। इस पर कोर्ट ने प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए आरोप तय करने के आदेश दिए हैं।

Posted By: Inextlive