चीन ने लगाए एपल पर आरोप
बुधवार को स्वयंसेवी संगठनों के एक समूह ने इंस्टीटयूट ऑफ पब्लिक एंड एनवायरनमेंट अफेयर्स के ज़रिए ये रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एपल ने अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारियां पूरी नहीं की है और चीन में उनकी फैक्ट्रियों से वातावरण प्रदूषित हो रहा है। उल्लेखनीय है कि एपल के कई उत्पाद चीन में ही बनाए जाते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने पाँच महीने तक जांच की है जिसमें पाया गया है कि एपल की चीन स्थित फैक्ट्रियों से भारी धातु और ज़हरीले तत्व वातावरण में छोड़े गए।ख़तरनाक रसायनएपल ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि वो ‘सामाजिक ज़िम्मेदारियों के साथ उच्चतम गुणवत्ता के लिए प्रतिबद्ध हैं.’ एपल का कहना था, ‘‘ हम चाहते हैं कि हमारे सप्लायर लोगों के लिए काम करने वालों के लिए सुरक्षित माहौल दें और उन्हें सम्मान दें। एपल के उत्पादों के लिए पर्यावरण के अनूकुल प्रक्रिया अपनाएं.’’
इंस्टीटयूट ऑफ पब्लिक एंड एनवायरनमेंट अफेयर्स को लिखे पत्र में एपल ने कहा है कि उन्होंने रिपोर्ट में व्यक्त चिंताओं को गंभीरता से लिया है लेकिन रिपोर्ट में कई ग़लतियां भी हैं।एपल जैसे कई बड़े ब्रांडों के लिए आपूर्ति शृंखला काफी पेचीदा रही है क्योंकि मज़दूरों के शोषण, पर्यावरण, सुरक्षा और उत्पादन के स्तर को लेकर आरोप लगते रहे हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बड़ी कंपनियां अपना माल चीन और अन्य विकसित देशों में बनवाती है जो उन्हें सस्ता पड़ता है।
ताज़ा रिपोर्ट में कहा गया है कि एपल अपने सप्लाई चेन यानी आपूर्ति शृंखला के ज़रिए प्रदूषण फैला रहा है। रिपोर्ट में सात फैक्ट्रियों के भी नाम दिए गए हैं जो अलग अलग हैं और एपल के उत्पाद बनाते हैं। इन फैक्ट्रियों पर तांबा,निकेल और साइनाइड जैसे तत्वों को वातावरण में छोड़ने का आरोप है।रिपोर्ट के अनुसार तैयून की एक फैक्ट्री से ज़हरीली गैसें निकलती रहती हैं और आस पास रहने वालों के लिए अपनी खिड़कियां खुला रखना भी मुश्किल होता जा रहा है।उल्लेखनीय है कि इसी साल एपल ने भी अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि दुनिया भर में उनके सप्लायर खतरनाक रसायनों को ठीक से हैंडल नहीं कर रहे हैं।