एंटीजेन किट ही नहीं, कैसे हो जांच
-कोविड जांच सेंटर्स पर नहीं उपलब्ध कराई जा रहीं एंटीजेन किट, जांच के लिए लग रहीं लंबी लाइनें, संक्रमण का खतरा
-आरटीपीसीआर जांच को दिया जा रहा बढ़ावा लेकिन की रिपोर्ट मिलने में लग रहा 4 से 5 दिन का समय, लोगों में आक्रोश KANPUR: कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए कोविड सैम्पलिंग सेंटर्स पर लोगों की भीड़ जुट रही है लेकिन एंटीजेन किट न होने से लेागों को घंटों लाइन में लगने के बाद मायूस लौटना पड़ रहा है। कई जांच सेंटर्स पर बीते 3 दिनों से महज 20-25 एंटीजेन किट ही भेजी जा रही हैं जबकि पहले इनकी संख्या 200 तक थी। सिटी में 39 गवर्नमेंट सेंटर्स पर फ्री जांच के लिए सैंपलिंग की जाती है। रैपिड जांच के लिए परेशानबगाही निवासी आलोक अपने पिता बाबूराम के साथ कोविड जांच के लिए साउथ सिटी के जागेश्वर हॉस्पिटल, विनोबा नगर समेत कई सेंटर पर गए, लेकिन कहीं भी एंटीजेन जांच नहीं हो सकी। वहीं कोविड सिम्पटम्स होने पर शारदा नगर निवासी मृत्युंजय शर्मा एंटीजेन जांच कराने के लिए कई जांच सेंटर पर गए, लेकिन जांच करने से मना कर दिया गया। मजबूरन उन्हें प्राइवेट पैथोलॉजी में जांच करानी पड़ी। यही हाल सिविल लाइंस निवासी प्रशांत सिंह का भी रहा।
आरटीपीसीआर में लंबी वेटिंग
एंटीजेन कार्ड से जांच में तुरंत रिपोर्ट मिल जाती है इससे लोग फौरन ही अपना कोविड ट्रीटमेंट शुरू कर देते थे। वहीं आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट 4 से 5 दिन में आ रही है। जांच के लिए प्राइवेट पैथोलॉजी और सरकारी सेंटर पर लंबी लाइनें लग रही हैं। सोशल डिस्टेंसिंग न होने से लोगों में संक्रमण का भी खतरा रहता है।
शासनादेश बना मुसीबत अगस्त 2020 से अभी तक रैपिड कार्ड से लगभग 4.50 लाख लोगों की जांच की जा चुकी है। एंटीजेन और आरटीपीसीआर की सैंपलिंग में 70 परसेंट जांच कार्ड से होती थी। लेकिन सरकार ने अब एंटीजेन जांच को कम और आरटीपीसीआर जांच को बढ़ावा देने के लिए कहा है। क्योंकि आरटीपीसीआर की रिपोर्ट ज्यादा सटीक आती है। इसके लिए कमिश्नर डॉ। राजशेखर ने प्राइवेट पैथोलॉजी संचालकों के साथ मीटिंग कर सभी को 15 दिनों के अंदर आरटीपीसीआर जांच दोगुना करने के निर्देश दिए हैं। पार्षद ने सीएम को लिखा लेटरसाउथ सिटी के कई सेंटर्स पर बड़े पैमाने पर रैपिड कार्ड टेस्ट किए जा रहे थे। लेकिन बीते 5 दिनों से कार्ड टेस्ट बेहद कम किए जाने से पार्षद नवीन पंडित ने नाराजगी जताई है। उन्होंने बताया कि दबौली, जागेश्वर अस्पताल, गुप्ता चौराहा, प्राथमिक केंद्र दर्शन पुरवा, जच्चा बच्चा गुजैनी, और बीमा अस्पताल जूही में रैपिड जांच पूरी तरह से बंद कर दी गई है। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ को लेटर लिखकर जांच जल्द शुरू कराने के लिए कहा है।
आंकड़ों में टेस्ट -4.50 लाख रैपिड कार्ड टेस्ट अब तक कराए गए -70 परसेंट सैंपलिंग कार्ड द्वारा की जा रही -2020 अगस्त से शुरू की गई थी रैपिड जांच -39 जांच सेंटर हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा संचालित -6 प्राइवेट पैथोलॉजी द्वारा की जा रही है जांच -70 परसेंट तक बढ़ाई जानी है आरटीपीसीआर जांच एंटीजन टेस्ट को कम करने के साथ ही आरटीपीसीआर जांच को बढ़ावा दिया जा रहा है। लोग परेशान न हो और आरटीपीसीआर जांच कराएं। सरकार द्वारा हेल्थ सेंटर्स पर फ्री में जांच की जा रही है। -डा। अनिल मिश्रा, सीएमओ।