कानपुर कमिश्नरेट के कई इलाकों में नशे के सौदागरों का नेटवर्क फैला हुआ है. शहर में नवाबी शौक यानी नशीला हुक्का भी खुलेआम परोसा जा रहा है. युवा पीढ़ी को नशे के दलदल में झोंकने के लिए अवैध हुक्का पॉर्लर भी शहर में खुले हैैं. इसे देखते हुए योगी सरकार ने दो दिन पहले पूरे प्रदेश में हुक्का पार्लरों पर छापेमारी कराई थी. कानपुर कमिश्नरेट इलाके में 12 लोग पकड़े गए थे. इसके बाद सीएम ने एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स एएनटीएफ का गठन किया है. कानपुर सहित चारो कमिश्नरेट और बाराबंकी व गाजीपुर में भी टास्क फोर्स गठित होगी.

कानपुर (ब्यूरो) दरअसल कानपुर में कोचिंग मण्डी है। इसके साथ ही तमाम इंजीनियरिंग कॉलेज और मेडिकल कॉलेज भी हैैं। नशे के सौदागर अपने गुर्गों को इन स्टूडेंट्स में शामिल कर नशे का लती बनाते हैैं और उसके बाद नशे का कारोबार शुरू हो जाता है। काकादेव में पुलिस नशे के सौदागर की कुर्की भी कर चुकी है। इसके घर से लाखों रुपये का नशा और लाखों रुपये की नगदी भी बरामद हुई थी। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स इन नशे के सौदागरों को थाना पुलिस की मदद से चिन्हित करेगी और इनके पोस्टर बाजार और मुख्य चौराहों पर लगाए जाएंगे। इनकी सम्पत्ति पर बुलडोजर चलाने के साथ ही कुर्की भी की जाएगी।

गैंगेस्टर व एनडीपीएस एक्ट
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि संगठित गिरोह बनाकर मादक पदार्थ व अवैध शराब की तस्करी कराने वाले वाले माफिया व अपराधियों की संपत्तियां गैंगेस्टर एवं एनडीपीएस एक्ट के तहत जब्त कराई जाएंगी। एएनटीएफ प्रदेश की सीमाओं पर गोवंश की तस्करी पर भी शिकंजा कसेगी। डीजीपी मुख्यालय से एएनटीएफ की मानीटङ्क्षरग की जाएगी।

इतना फोर्स रहेगा एएनटीएफ में
एएनटीएफ के प्रभारी डीआईजी स्तर के अधिकारी होंगे, जिनके साथ दो एसपी ऑपरेशन व मुख्यालय भी तैनात होंगे। साथ ही मुख्यालय स्तर पर दो एएसपी व दो सीओ भी तैनात होंगे। शासन ने एएनटीएफ के पहले डीआईजी के रूप में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की प्रतिनियुक्ति से लौटे 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी अब्दुल हमीद को तैनाती दी है।

नारकोटिक्स पुलिस स्टेशन भी बनेगा
जोन/क्षेत्रीय स्तर पर नारकोटिक्स पुलिस थानों की स्थापना भी होगी। पहले चरण में बाराबंकी व गाजीपुर नारकोटिक्स थानों की स्थापना होगी। इसमें केंद्र की विशिष्ट इकाई एनसीबी व डायरेक्ट्रेट आफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस के अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर भी लिया जाएगा। इस विशेष फोर्स को मादक पदार्थों के कारोबार में लिप्त अपराधियों व गिरोह के विरूद्ध कार्रवाई, मादक पदार्थों व अवैध शराब के जब्तीकरण, एफआइआर रजिस्ट्रेशन व विवेचना की शक्तियां प्राप्त होंगी।

सेंट्रल रीजन में है कानपुर
एएनटीएफ के लिए पूरे प्रदेश को तीन रीजन वेस्ट, सेंट्रल व ईस्ट में बांटा गया है। हर रीजन के प्रभारी पुलिस उपाधीक्षक होंगे। वेस्ट रीजन में मेरठ, बरेली व आगरा जोन होंगे। सेंट्रल रीजन में लखनऊ व कानपुर जोन और ईस्ट रीजन के अंतर्गत प्रयागराज, गोरखपुर व वाराणसी जोन होंगे। जोनल प्रभारियों को जल्द आवश्यक संशाधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे। एडीजी ने बताया एएनटीएफ का मुख्य दायित्व मादक पदार्थों के प्रवर्तन के आधार पर प्रभावी अंकुश लगाना होगा।

बड़े नशे के सौदागरों की संख्या
जोन बड़े तस्कर छोटे तस्कर ईस्ट जोन 22 56
वेस्ट जोन 39 76
साउथ जोन 43 82

नशे के कारोबार पर रोक लगाने के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया है। जो जल्द ही काम शुरू करेगी।
प्रशांत कुमार, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर

Posted By: Inextlive