मंगलवार को यूपी बोर्ड ने 10वीं और 12वीं के नतीजे घोषित कर दिए. जिसमें सिटी के होनहारों ने एक बार फिर से अपनी सक्सेस स्टोरी से अपने पैरेंट्स और शहर का नाम की चमक बढ़ा दी. किसी ने बिना कोचिंग के सफलता का शिखर छू लिया तो किसी ने घर के आर्थिक तंगी के हालात के बीच अपनी लगन और जुनून से साबित कर दिया कि कोई भी कमी सफलता की राह में बेडिय़ां नहीं बन सकती है. वहीं गल्र्स ने एक बार फिर दिखाया कि सफलता की जो उड़ान उन्होंने भरी है उसे कोई रोक नहीं सकता. इस उड़ान में ब्वॉयज फिर पीछे छूट गए हैं. आज हम आपको स्टेट और सिटी के टॉपर्स की ऐसी ही कुछ सक्सेस स्टोरी पढ़ाने जा रहे हैं जो आपके बच्चों के लिए प्रेरणा बन सकें और उनके आत्मविश्व को मजबूत कर सकें.

कानपुर (ब्यूरो) घाटमपुर के महर्षि दयानंद बब्बू लाल इंटर कॉलेज में हाईस्कूल की छात्रा अंशिका दीक्षित ने यूपी बोर्ड एग्जाम में प्रदेश में 97.33 प्रतिशत माक्र्स लाकर पांचवां स्थान हासिल किया है। जबकि कानपुर की वो टॉपर बनी हैं। इसी स्कूल के हाईस्कूल छात्र अंकुश ने यूपी में 97.17 प्रतिशत माक्र्स के साथ प्रदेश में छठवां स्थान हासिल किया है। दोनों छात्रों ने टॉप-5 और टॉप-10 में अपनी जगह बनाकर कानपुर और अपने स्कूल का नाम रोशन किया है।


मोबाइल, सोशल मीडिया से दूरी
घाटमपुर तहसील के बनहरी गांव की रहने वाली अंशिका दीक्षित ने 600 में 584 यानी 97.33 परसेंट माक्र्स हासिल किए हैं। वह मुरलीपुर स्थित महर्षि दयानन्द बब्बू लाल इंटर कॉलेज की छात्रा हैं। इसी कॉलेज से दो अन्य छात्रों ने भी टॉप किया है। अंशिका दीक्षित ने कहा कि उन्होंने पढ़ाई को कभी खुद पर हावी नहीं होने दिया। हमेशा पढ़ाई को एंच्वाय किया। मोबाइल और सोशल मीडिया से दूरी बनाकर यह मुकाम हासिल किया है।

पढ़ाई से कभी ब्रेक नहीं
अंशिका कहती हैं कि मुझे कभी कोचिंग की जरूरत महसूस नहीं हुई। मेरे घरवालों ने पढ़ाई के लिए कभी मना नहीं किया। अंशिका की मां निशा दीक्षित ग्रहणी है और पिता फौज से रिटायर हैं। अंशिका ने बताया कि उन्होंने पूरी तैयारी खुद से की है। पढ़ाई में पिता सहयोग करते थे, किताब से खुद नोट्स तैयार किए। कोई निश्चित शेड्यूल नहीं था कि कितने घंटे पढऩे हैं, लेकिन पांच से छह घंटे औसतन पढ़ाई करके यह मुकाम हासिल किया है। अंशिका ने बताया कि आईएएस अफसर बनकर देश सेवा करना चाहती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सफलता के पीछे सबसे बड़ी बात निरंतरता है। उन्होंनें पढ़ाई और क्लास को कभी भी ब्रेक नहीं किया। उनकी सफलता के पीछे यह भी एक बड़ी वजह है।

आईपीएस बनना चाहते हैं अंकुश---यूपी में छठवां स्थान
हाईस्कूल के छात्र अंकुश ने यूपी में 97.17 प्रतिशत माक्र्स के साथ प्रदेश में छठवां स्थान हासिल किया है। उसने बताया कि हास्टल में रहकर पढ़ाई है। 5-6 घंटे पढ़ाई का शेड्यूल रहा है। हास्टल में रहकर पढ़ाई की है। आईपीएस अफसर बनना चाहता हूं। जब कोई पुलिस का अधिकारी आता है तो देखकर काफी अच्छा लगता है। वर्दी पहनना मेरा सपना है। पिता रमाकांत किसान हैं, जबकि मां सुमन देवी गृहणी हैं।

Posted By: Inextlive