दीपोत्सव के बाद गोवर्धन पूजन अन्नकूट पूजन का आयोजन शहर में विधिवत रूप से किया गया. इस्कान मंदिर में 1008 प्रकार के पकवानों का अन्नकूट पर्वत बनाया गया. जिसकी परिक्रमा कर भक्तों ने सुख-समृद्धि और परिवार कल्याण की प्रार्थना की. वहीं भौंती गौशाला में गोधन का विशालकाय गोवर्धन पर्वत बनाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया. जेके मंदिर में गोधन की मनोहारी कलाकृति ने भक्तों को आकर्षित किया.


कानपुर (ब्यूरो) बुधवार को इस्कान मंदिर में अन्नकूट पूजन और राधा-माधव के मनोहारी शृंगार के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे। मंदिर के पुजारी ब्रज कन्हाई प्रभु ने 1008 प्रकार के पकवानों से मंदिर परिसर में अन्नकूट पर्वत का निर्माण किया। इसमें श्याम कुंड, राधाकुंड, मानसी गंगा, गोङ्क्षवद कुंड समेत विभिन्न तीर्थ बनाए गए। भक्तों ने विधिवत अन्नकूट पर्वत की परिक्रमा का पूजन अर्चन किया और परिवार के कल्याण और समृद्धि की प्रार्थना की। हरे कृष्णा हरे रामा की धुन के बीच श्रीकृष्ण भक्ति में लीन भक्तों ने नृत्य किया। इससे पहले मंदिर में दिव्य निताई प्रभु ने भागवत कथा से भक्तों को सराबोर किया।

75 प्रकार की सब्जी व फल
इस्कान सोसाइटी और मध्य प्रदेश सरकार ने गोवर्धन उत्सव को प्रकृति के प्रति कृतज्ञता के महाउत्सव के रूप में घोषित किया। वहीं, जेके मंदिर में गोधन के कान्हा जी भक्तों के आकर्षण का केंद्र रहे। भगवान को विभिन्न प्रकार के पकवानों का भोग लगाकर पूजन किया गया। मारवाड़ी इंटर कालेज के पास की सब्जी मंडी में अन्नकूट पूजन के लिए विक्रेताओं ने 75 प्रकार की सब्जी और फल को मिलाकर भेजा।

Posted By: Inextlive