शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए जद्दोजहद की जा रही है. इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए जा रहे हैं. लेकिन मूलभूत जरूरतों और सुविधाओं पर जिम्मदार अधिकारियों का ध्यान नहीं है. शहर के अधिकांश चौराहों सड़कों और पुलों पर शाम होते ही अंधेरा पसर जाता है. इस अंधेरे की वजह से ही संडे रात टाटमिल के पास 6 लोगों की जान लेने वाला दर्दनाक हादसा हो गया था. इस हादसे के बाद भी जिम्मेदारों के कानों पर जू तक नहीं रेंगी. हालात आज भी वैसे ही है. ऐसे में अगर आप रात को शहर की सड़कों पर निकलें तो जरा संभलकर.


कानपुर (ब्यूरो) टाटमिल पर ई-बस हादसे की वजह जांच में बंद रोड लाइट और टूटा डिवाइडर भी बना। इस दर्दनाक हादसे के बाद भी नगर निगम का अमला नहीं चेता। जिम्मेदारों ने चार दिन बाद भी अपनी जिम्मेदारी नहीं सोची। घंटाघर-टाटमिल रोड इकलौती नहीं है जहां की अव्यवस्था लोगों के जीवन को खतरे में डालती हो। तमाम व्यस्त मार्गों पर बंद लाइट और लगभग वजूद खो चुके डिवाइडर हादसों को दावत दे रहे हैं। शहर की लाइफ लाइन मानी जाने वाली जीटी रोड के साथ शहर की एक मात्र छह लेन रोड जरीब चौकी से विजय नगर तक जाने वाली रोड पर कई जगह अंधेरा है।

इन रास्तों पर रहता है अंधेरा- रावतपुर से कंपनी बाग चौराहा जाने वाली सड़क - साकेत नगर, शास्त्री चौक से सचान चौराहा तक- 80 फीट रोड से पीरोड समेत कई जगह लाइटें बंद


- सीटीआई से विजय नगर चौराहे का रास्ता- सीटीआई से शास्त्री चौक जाने वाला रास्ता- कई जगह हैैं अंधा मोड़, नहीं दिखती रोशनी- सीओडी पुल से पीएसी तिराहे तक - साकेत नगर से शास्त्री चौक जाने वाला रास्ता- जरीब चौकी से विजय नगर तक जाने वाली रोड- पुराने गोङ्क्षवदपुरी पुल को तो अतिक्रमणकारियों ने सब्जी मंडी बना डाली

- 80 फीट रोड, पीरोड, गांधीनगर, बर्रा, छपेड़ा पुलिया, शारदा नगर- फजलगंज, किदवईनगर, यशोदानगर, दबौली, कल्याणपुर, इंदिरा नगर

Posted By: Inextlive