आईआईटी में डेवलप किए जा रहे स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस टेक्नोलॉजी के लिए मंडे को मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व आईआईटी स्टूडेंट ने 100 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की है. आईआईटी की हिस्ट्री में पहले कभी किसी पूर्व स्टूडेंट ने इतनी बड़ी धनराशि संस्थान को नहीं दी. डायरेक्टर के मुताबिक यह फाइनेंशियल हेल्प पूर्व आईआईटियन और इंडिगो एयरलाइंस के सह-संस्थापक राकेश गंगवाल ने की है.


कानपुर (ब्यूरो) मूलरूप से कोलकाता के रहने वाले राकेश गंगवाल की स्कूली शिक्षा डान बास्को स्कूल कोलकाता में हुई है। वर्ष 1975 में उन्होंने आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियङ्क्षरग में बीटेक किया। इसकेे बाद उन्होंने पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से एमबीए किया, उसके बाद वह अमेरिका में ही बस गए। आईआईटी एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक एयरलाइन उद्योग के साथ राकेश गंगवाल सितंबर 1980 में जुड़े थे। सबसे पहले वह बूज एलन एंड हैमिल्टन अमेरिकी कंपनी में सहयोगी के रूप में रहे। इसके बाद यूनाइटेड एयरलाइंस में काम किया। वर्ष 1984 में वह यूनाइटेड एयरलाइंस में प्रबंधक, रणनीतिक सलाहकार के रूप में जुड़े। उन्होंने कंपनी में कई पदों पर कार्य किया। यही नहीं इससे पहले फोर्ड मोटर कंपनी के उत्पाद विकास समूह में वित्तीय विश्लेषक और फिलिप्स इंडिया लिमिटेड में उत्पादन और योजना इंजीनियर भी रहे थे।

359 वें नंबर पर हैैं
आईआईटी की ओर से उन्हें विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। साथ ही वर्ष 2020 में फोब्र्स की ओर से जारी अमेरिका के सबसे अमीर लोगों की सूची में वह 359 वें नंबर पर शामिल थे। आईआईटी एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक इंडिगो एयरलाइन के सह-संस्थापक होने के साथ राकेश गंगवाल के पास 37 फीसद की हिस्सेदारी भी है। इंडिगो कंपनी की स्थापना से पहले वह यूएस एयरवेज ग्र्रुप के सीईओ और अध्यक्ष भी रहे। जून 2003 से अगस्त 2007 तक राकेश गंगवाल वल्र्ड स्पैन टेक्नोलाजी के अध्यक्ष और सीईओ भी थे।

Posted By: Inextlive