लगातार शिकायतों के बावजूद समस्याएं दूर न होने से नाराज सिग्नेचर सिटी के एलॉटीज ने ट्यूजडे को केडीए में जमकर हंगामा काटा. केडीए ऑफिसर्स के खिलाफ नारेबाजी की और इम्प्लाइज से धक्का-मुक्की की. इम्प्लाइज यूनियन के एक लीडर की चप्पल से पिटाई भी कर दी. मौके पर पुलिस बुलाई गई जिसके बाद मामला शांत हुआ.

कानपुर (ब्यूरो) केडीए की लापरवाही का खमियाजा विकास नगर स्थित सिग्नेचर ग्रीन सिटी के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। गंदगी की भरमार, खराब लिफ्ट , सुरक्षा के इंतजाम न होने से नाराज सैकड़ों एलॉटी ट्यूजडे को केडीए वीसी से गुहार लगाने पहुंचे। काफी देर तक इंतजार के बाद जब वीसी से मुलाकात नहीं हुई तो उन्होंने केडीए सचिव शत्रोहन वैश्य से मिलकर अपनी परेशानियां सुनाई। यहां पर केडीए ऑफिसर्स, इम्प्लाइज और एलॉटीज के बीच गरमागरमी हो गई। इस बीच सचिव के कक्ष में केडीए की एक इम्प्लाई यूनियन के प्रेसीडेंट बचाऊ सिंह भी पहुंच गए और जैसे ही उन्होंने लोगों को सचिव कक्ष से बाहर निकलने के लिए कहा तो विवाद होने लगा। इतना ही नहीं, प्रेसीडेंट को चप्पल भी मारी गई।

सर, हमारी परेशानी सुनिए
नवंबर 2020 में यहां शिफ्ट हुए थे, शुरूआती दिनों में केडीए ने लाखों रुपए यह कहकर जमा करवा लिया कि यहां सफाई और मेनटेनेंस दुरुस्त रखा जाएगा, लेकिन हालत बहुत खराब है।
अनुराधा यादव
मेनटेनेंस के नाम पर लगभग डेढ़ लाख रुपए जमा करवाया है, लेकिन यहां पर आए दिन गंदगी, लिफ्ट खराब, लाइट की दिक्कत, सुरक्षा का डर बना रहता है, केडीए कोई भी काम नहीं रहा है।
दिवाकर पटेल
- लोग केडीए का मकान इसलिए लेते हैं कि यहां अच्छी फैसलिटी मिलेगी, लेकिन यहां पर बिल्कुल उलट है। जिंदगी भर की कमाई लगा दी, ताकि सुविधा मिलेे, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा।
रीता अग्रवाल
- इतने रुपए खर्च कर आशियाना खरीदा है, लेकिन केडीए की कोताही के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। न तो समय पर सफाई और ना ही किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था है।
हेमा सिंह

सिग्नेचर सिटी: एक नजर में
- 2015 से शुरू हुई बुकिंग
- 2020 में आवंटियों को मिली चाबी
- 1128 हैं टू व थ्री बीएचके फ्लैट
- 660 परिवार वर्तमान में रह रहे है।
- 8 बार से अधिक बार दी गई शिकायत
- 1.5 से 3 लाख रुपए मेनटेनेंस के लिए राशि जमा

क्या आ रही दिक्कतें
- समय पर सफाई नहीं होती है
- सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं
- पानी में टीडीएस की मात्रा ज्यादा
- सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था नहीं
- अक्सर लिफ्ट खराब रहती है

'' हर महीने सफाई के लिए लगभग पौने दो लाख रुपए खर्च किया जाता है। ताकि वहां की सफाई और मेनटेनेंस बनी रहे। यहां पर दस-दस लोगों को सफाई के लिए रखा गया है.ÓÓ
शत्रोहन वैश्य, सचिव केडीए

Posted By: Inextlive