एक ब्रितानी थिंक टैंक के अनुसार ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद कमजोर पड़ा अल कायदा का नेतृत्व अफ्रीका में स्थानीय इस्लामी गुटों के सहयोग के साथ अपनी संस्था में 'नई ऊर्जा फूँकने एकजुट होने और विश्व में जिहाद दोबारा शुरु करने' के प्रयास कर रहा है.

रॉयल यूनाइटेड सर्विसिज़ इस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार अफ्रीका के पश्चिमी भाग में माली से लोकर, निजेर, नाईजीरिया, सोमालिया और पूर्व में कीनिया तक क्षेत्रीय अस्थिरता फैली हुई है।

ब्रिटेन में सोमाली युवाओं पर असररिपोर्ट के अनुसार, "अल कायदा अफ्रीका में अस्थिर जगहों का फायदा उठाकर, वर्तमान इस्लामी गुटों से सांठगांठ कर सकता है। सोमालिया में ऐसा पहले ही हो रहा है और देश के बड़े भाग पर नियंत्रण वाला अल शबाब इस्लामी संगठन अल कायदा में शामिल हो गया है और उसके पास कई विदेशी लड़ाके हैं."

इस रिपोर्ट के अनुसार अल कायदा ने अफ्रीकी इस्लामी गुटों को लड़ाके, पैसा, हथियार और अन्य सामग्री दी है और नाइजीरिया जैसे देश में चरमपंथी संगठन बोको हराम जैसे स्थानी गुटो के भी तार अल कायदा से जुड़े पाए गए हैं और वे खतरनाक चरमपंथी हमले भी कर रहे हैं।

इस थिंक टैंक का कहना है कि इसका असर ब्रिटेन पर भी हो रहा है और ब्रिटेन में सोमाली युवा कट्टपंथ की ओर बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट में अंत में कहा गया है कि पश्चिमी अफ्रीका से पूर्वी अफ्रीका तक संभवत: एक नई निर्णायक लहर चल रही है जिससे आगे उथल-पुथल हो सकता है।

बीबीसी संवाददाता निक चाइलड्स के अनुसार रिपोर्ट ये भी कहती है कि अल कायदा के भीतर विभिन्न देशों में लक्ष्यों को लेकर तनाव है।

Posted By: Inextlive