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KANPUR: सर्दियों में पॉल्यूशन के खतरनाक स्तर पर पहुंचने का सीधा असर लंग्स डिसीज के पेशेंट्स पर पड़ा है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की इमरजेंसी में ऐसे पेशेंट्स की संख्या तेजी से बढ़ी है। शहर की सबसे बड़ी हैलट इमरजेंसी और एमएल चेस्ट हास्पिटल की बात करें तो पिछले तीन दिनों में सीओपीडी व लंग्स डिसीज के 100 से ज्यादा पेशेंट्स भर्ती किए। डॉक्टर्स के मुताबिक पेशेंट्स काफी क्रिटिकल हालत में आ रहे हैं। काफी पेशेंट्स को आईसीयू में बाईपेप के सहारे रखा जा रहा है।

क्या है सीओपीडी-

 

- लंग क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव प्लमोनरी डिसीज सांस लेने वाली नलियों में होने वाली बीमारी है।

- इसमें फेफड़े डैमेज होने से सांस लेने में दिक्कत होती है। मसल्स और हड्डियों की कमजोरी से समस्या और बढ़ जाती है

- पॉल्यूशन व खतरनाक गैसों के प्रभाव में ज्यादा रहने पर इसका शरीर पर जानलेवा असर पड़ता है

- यह आपकी डेली वर्किंग को प्रभावित करता है और हार्ट के लिए भी खतरे के तौर पर उभरती है।

कैसे करें बचाव-

- एयर पॉल्यूशन से बचने के लिए बाहर निकलते वक्त मुंह पर कपड़ा बांधे

- भीड़भाड़ और धूलधक्कड़ वाली जगहों पर जाने से बचे जहां क्रास इंफेक्शन का खतरा भी ज्यादा हेाता है

- स्मोकिंग या पैसिव स्मोकिंग से बचे, आग जला कर ताप रहे हैं तो भी धुंए के प्रभाव से बचे

- 3 दिन से ज्यादा खांसी हो तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं, दवाएं लेने में लापरवाही न बरतें

पॉल्यूशन का असर तो है ही साथ ही ठंड की वजह से लंग्स डिसीज के मामले तेजी से बढ़े हैं। इमरजेंसी में इन पेशेंट्स की तादात काफी ज्यादा है। इनमें से काफी पेशेंट्स क्रिटिकल हालत में आ रहे हैं।

- प्रो। रिचा गिरि, हेड, मेडिसिन डिपार्टमेंट, जीएसवीएम मेडिकल कालेज

Posted By: Inextlive