अप्रैल से मिलेगा एम्स जैसा इलाज
-सुपरस्पेशिएलिटी इलाज के लिए कानपुराइट्स की भागदौड़ होगी बंद
- हैलट कैम्पस में 240 करोड़ से बन रहे मल्टी सुपरस्पेशिएलिटी कॉम्प्लेक्स का निर्माण अंतिम चरण में, अप्रैल में होगा हैंडओवर - 8 बिल्कुल नई सुपरस्पेशिएलिटीज के लिए लखनऊ व दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा, मेडिकल कॉलेज में ही मिलेगा इलाज >KANPUR@inext.co.in KANPUR: सुपरस्पेशिएलिटी ट्रीटमेंट के लिए कानपुराइट्स की दूसरे शहरों की दौड़ अप्रैल से बंद हो जाएगी। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में पीएमएसएसआई के तहत 200 करोड़ की लागत से तैयार सुपरस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल कॉलेज प्रशासन को हैंडओवर कर दिया जाएगा। जिसके बाद पीजीआई और एम्स जैसा ट्रीटमेंट कानपुराइट्स को अपने ही शहर में मिलने लगेगा। बिल्डिंग को तैयार करने का काम आखिरी दौर में पहुंच गया है। साथ ही 240 बेड के इस हॉस्पिटल के लिए माडर्न इक्विपमेंट्स की खरीददारी भी शुरू हो गई है। पेशेंट, कॉलेज दोनों का फायदाइस सुपरस्पेशिएलिटी कॉम्प्लेक्स के शुरू होने के साथ ही पेशेंट्स और कॉलेज प्रसाशन दोनों को फायदा मिलेगा। पेशेंटस को जहां सुपरस्पेशिएलिटी ट्रीटमेंट और सभी आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। वहीं मेडिकल कॉलेज को इस हॉस्पिटल से अपनी पीजी की सीटें बढ़ाने में मदद मिलेगी। 8 नए सुपरस्पेशिएलिटी डिपार्टमेंट शुरू होने के बाद यहां इसकी पढ़ाई के लिए 25 सीटें भी बनेगी। जिनसे सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टर्स तैयार होंगे।
आसपास के जिलों को भी फायदा
हैलट कैंपस में जीटीरोड की तरफ बन रहे सुपरस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट एम्स और एसजीपीजीआई की तर्ज पर ही किया जाएगा। जिसका फायदा कानपुर समेत आसपास के एक दर्जन जिलों को मिलेगा। इस बाबत सैटरडे शाम को सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल के साथ नए ब्लॉक का निरीक्षण भी किया। 7 मंजिला ब्लॉक में उन्होंने निर्माणाधीन ओपीडी एरिया, वार्ड, ओटी कॉम्प्लेक्स, आईसीयू का निरीक्षण किया। साथ ही कंस्ट्रक्शन की क्वालिटी को भी सराहा। इस दौरान निर्माणाधीन एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने काम समय पर पूरा करने की बात कही। इस दौरान सुपरस्पेशिएलिटी बिल्डिंग के नोडल डॉ.मनीष सिंह, कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर प्रो। विनय कृष्णा और प्रो। रमेश ठाकुर माैजूद रहे। फैकल्टी, स्टाफ भर्ती की तैयारी इस नए सुपरस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के लिए जरूरी फैकल्टी मेंबर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती को लेकर भी कॉलेज प्रशासन की ओर से शासन को पत्र लिख कर जानकारी दी गई है। आयोग से कुछ सुपरस्पेशिएलिटी डॉक्टर्स की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है.इसके अलावा बिल्डिंग के मेंटिनेंस और उसमें काम करने वाले पैरामेडिकल स्टाफ को लेकर शासन से बातचीत अभी जारी है। उपकरणों की खरीद भी शुरूसुपरस्पेशिएलिटी कॉम्प्लेक्स में उपकरणों की खरीद के लिए 75 करोड़ रुपए का बजट अलग से रखा गया है। जिसके तहत एमआरआई, सीटी स्कैन मशीन की खरीददारी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसके अलावा 8 मॉडयूलर ओटी के लिए उपकरण, आईसीयू के लिए वेंटीलेटर्स,मल्टीपैरा मॉनीटर, बाईपेप मशीनें और फाउलर बेड की खरीद की प्रक्रिया भी शुरू हो चुका है। नोडल प्रभारी डॉ.मनीष सिंह ने जानकारी दी कि ब्लॉक के कंस्ट्रक्शन का काम अंतिम चरण में है। उपकरणों की खरीद की प्रक्रिया चल रही है। निर्माण एजेंसी स्वास्थ्य मंत्रालय की हाईट्स कंपनी को जरूरी उपकरणों की सूची उसकी स्पेसिफिकेशन से साथ दे दी गई है। वहीं इसकी खरीद करेंगे।
अभी कितने सुपरस्पेशलिस्ट- न्यूरो सर्जन (दो परमानेंट,3 संविदा)- 5 न्यूरोलॉजिस्ट-1 गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट-1 नेफ्रोलॉजिस्ट (संविदा)-1 यूरो सर्जन (संविदा)-1 प्लास्टिक सर्जनन(संविदा)-1 पीडियाट्रिक सर्जन (संविदा)-1 कितने नए डिपार्टमेंट बनेंगे- गैस्ट्रेाइंट्रोलॉजी, इंडोक्राइनलॉजी, न्यूरो रेडियोडायग्नोसिस, पीडियाट्रिक सर्जरी, गैस्ट्रो सर्जरी, यूरो सर्जरी, नेफ्रोलॉजी,पेन पैलिएटिव मैनेजमेंट। सुपरस्पेशिएलिटी ब्लॉक एक नजर में - 200 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा - 7 स्टोरी बिल्डिंग में 240 बेड की व्यवस्था - 75 करोड़ का बजट इक्विपमेंट्स के लिए अलग से - 8 माडयूलर ओटी, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, सोलर प्लांट,आईसीयू -1 डायग्नोस्टिक यूनिट, सीटी एमआरआई, डिजिटल एक्सरे आदि8 नए सुपरस्पेशिएलिटी डिपार्टमेंट शुरू होंगे बिल्डिंग में
25 सीटें भी बढ़ेंगी इन डिपार्टमेंट में पढ़ाई के लिए