एक महीने बाद भी नगर निगम ने नहीं गिराया जर्जर मकान
कानपुर (ब्यूरो)। नगर निगम की संवेदनहीनता से कंघी मोहाल के लोगों की जान खतरे में है। पुलिस नगर निगम को कई बार लिखित सूचना दे चुकी है, इसके बाद भी कंघी मोहाल में धमाके बाद जर्जर हुए मकान को नहीं गिराया गया। अब इस मकान की छत और छज्जे की ईंट और मलबा गिरने लगा है, जिससे स्थानीय लोगों की जान खतरे में है।
सो रहा है नगर निगम
बजरिया के अतिसंवेदनशील घनी आबादी वाले कंघीमोहाल में 23 जनवरी को बारूद के धमाके से एक मकान जर्जर हो गया था। धमाके में एक युवक की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने इस जर्जर मकान को गिराने के लिए नगर निगम को पत्र लिखा था। लेकिन नगर निगम ने अब तक यहां हाथ भी नहीं लगाया है। जबकि मकान से गली में गिरने वाली ईंट और पत्थर किसी बड़े हादसे का अंदेशा जता रहे हैं। यहां से गुजरने वाले राहगीरों को भी अब डर सताने लगा है।
जेई ने कर दिया इंकार
बजरिया थाना प्रभारी अजय कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि नगर निगम के जेई को पत्र के माध्यम से मलबा हटाने और जर्जर भवन सील करने के लिए कहा था। जेई ने जर्जर बिङ्क्षल्डग की हालत को देखते हुए मलबा उठाने से इन्कार कर दिया। भवन भी सील नहीं हुआ है। किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।