घर-घर में नल से जल पहुंचाने के नाम पर बीते डेढ़ दशक मेंं अरबों रुपए पानी की तरह बहा दिए गए. लेकिन आए दिन वाले भ्रष्टाचार के &लीकेज&य के कारण लाखों लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ता है. एक लीकेज सही नहीं हो पाता तब तक दूसरा हो जाता है.

कानपुर (ब्यूरो)। घर-घर में नल से जल पहुंचाने के नाम पर बीते डेढ़ दशक मेंं अरबों रुपए पानी की तरह बहा दिए गए। लेकिन आए दिन वाले भ्रष्टाचार के &लीकेज&य के कारण लाखों लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ता है। एक लीकेज सही नहीं हो पाता तब तक दूसरा हो जाता है। लीकेज के चलते कानपुर साउथ सिटी में 72 घंटे से ड्रिकिंग वॉटर की सप्लाई ठप है। संडे को चौथे दिन भी सिटी के साथ-साथ साउथ एरिया में रहने वाले लाखों लोगों को पानी नहीं मिला। लीकेज का पता लगाने के लिए संडे को लखनऊ से स्पेशल टीम भी बुलाई गई जो दिनभर लीकेज तलाशने में जुटी रही। जलकल ने कई एरिया में पानी के टैैंकर्स से सप्लाई कर राहत देने की कोशिश की।

तीन दिन से हालात खराब
सिटी में कुछ दिनों के भीतर एक साथ कई जगहों पर पानी की पाइप लाइन में लीकेज होने से हाहाकार मच गया है। लाइन लीकेज होने के चलते गंगा बैराज से मेन वाटर सप्लाई लाइन को ही बंद कर दिया गया। इससे पचास से ज्यादा इलाकों में ड्रिकिंग वॉटर की सप्लाई की जाती है। पिछले तीन दिनों से कई इलाकों में सप्लाई प्रभावित होने से हालत बहुत ज्यादा खराब हो गए हैं। संडे को भी सप्लाई न होने से लोगों को सबमर्सिबल का सहारा लेना पड़ा। इस दौरान कई एरिया में पानी के लिए लंबी लाइन तक लगी रही।

कई इलाकों में टीम कर रही जांच
शहर के लीकेज प्रॉब्लम को खत्म करने के लिए जलकल विभाग ने लखनऊ से स्पेशल टीम को बुलाया है। टीम ने कई इलाकों में जांच कर रही है। हालांकि जेके मंदिर, देवकी चौराहा, काकादेव, पांडू नगर, रावतपुर समेत कई इलाकों में लीकेज समस्या के चलते जलकल की टीम पहले ही काम कर रही है। लीकेज वाले प्वाइंट पर बेरीकेडिंग लगा कर रिपेयरिंग का काम किया जा रहा है, लेकिन एक साथ कई जगहों पर लीकेज होने से विभाग के भी हाथ पांव फूल गए हैं।

लाखों लीटर पानी डेली बर्बाद
ड्रिकिंग वॉटर लाइन में लीकेज के कारण रोजाना लाखों लीटर पानी बर्बाद भी होता है। लीकेज से होने वाले जलभराव से करोड़ों की रोड्स भी चौपट हो जाती हैं। पिछले कुछ दिनों में भी जगह जगह लीकेज के चलते काफी पानी बर्बाद हुआ। लीकेज के चलते कई जगहों पर तो वॉटर लॉगिंग जैसे हालात भी हो गए। गंगा बैराज से चंद कदमों की दूरी पर विष्णुपुरी इलाके में भी कई जगहों पर पाइप लाइन लीकेज होने के चलते रोड पर पानी फैला रहता है। जिससे आने जाने वाले लोगों को समस्या का सामान करना पड़ रहा है।

इन एरिया में सप्लाई प्रभावित
नौबस्ता, गोविंद नगर, जूही, परमपुरवा, साकेत नगर, बर्रा, दादा नगर, शास्त्री नगर, विजय नगर, सर्वोदय नगर, रावतपुर, चमनगंज, परेड, डिप्टी पड़ाव, बेकनगंज, फूलबाग, पटकापुर, समेत कई इलाकों में ड्रिकिंग वॉटर सप्लाई प्रभावित रही


869 करोड़ खर्च, 800 से ज्यादा लीकेज हो चुके
सिटी में वाटर सप्लाई को लेकर जेएनएनयूआरएम प्रोजेक्ट्स में 869 करोड़ से भी ज्यादा खर्च हो गए लेकिन, करप्शन की वजह से सिटी में ड्रिकिंग वाटर क्राइसिस खत्म नहीं हुई। एक तो सभी 110 वार्डो के घरों में इस प्रोजेक्ट के तहत वाटर सप्लाई अब तक शुरू नहीं हो सकी है। जो वाटर लाइन चालू है वह भी अक्सर लीकेज हो जाती है। अब तक 832 से ज्यादा लीकेज हो चुके हैं। करप्शन की वजह से जलनिगम के तत्कालीन इंजीनियर्स सहित 24 ऑफिसर्स के खिलाफ फजलगंज थाना में दो साल पहले मुकदमा भी दर्ज कराया गया। इन्हीं वजहों से कानपुराइट्स को ड्रिकिंग वाटर क्राइसिस से जूझना पड़ रहा है।

Posted By: Inextlive