भोपाल-उज्जैन एक्सप्रेस में ब्लास्ट काम मास्टरमाइंड सैफुल्लाह को सात मार्च 2017 को एसटीएफ ने लखनऊ में एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. सैफुउल्लाह ने अपने साथी आतिफ मुजफ्फर गौस मोहम्मद आसिफ व इकबाल समेत अन्य के साथ शहर की कुछ दरगाहों पर जायरीन बनकर शरण ली थी. कानपुर और उन्नाव को सेफ जोन मानकर वह यहां रुका और खतरनाक मंसूबों को अंजाम देने की योजना बनाई. जांच एजेंसी की मानें तो उसका मकसद ट्रेन की पटरियों व सार्वजनिक जगहों पर विस्फोट कर अधिक से अधिक जनहानि का था. सैफुउल्ला के एनकाउंटर के बाद एनआईए और एटीएस की टीमें उसके साथी आतिफ समेत अन्य को नकाब पहनाकर यहां लाई थीं और जांच के बाद लौट गई थी.


कानपुर (ब्यूरो) 28 मार्च 20017 एनआईए पकड़े गए एक संदिग्ध आतंकी फैसल समेत तीन अन्य को लेकर उन्नाव के कंजी स्थित दो मस्जिदों और जाजमऊ के तीन धार्मिक स्थलों पर पहुंची थी। सीन री-क्रिएशन के बाद टीम सभी आतंकियों को उन्नाव रेलवे स्टेशन रोड स्थित उस बुद्धनशाह दरगाह लेकर पहुंची, जहां सभी आतंकी जायरीन बनकर रुके थे। उसके बाद कानपुर की कुछ दरगाह में भी गए थे। दरगाह परिसर में ही वीडियो व फोटोग्राफी की थी। पटकापुर, छिपियाना और किला स्थित शिया मस्जिद भी ले गई थी। सूत्रों के अनुसार आंतिकयों ने बताया था कि मौलाअली की दरगाह में सभी सैफुल्लाह के साथ ठहरे थे। टीम के साथ भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ब्लास्ट में पकड़े गए संदिग्ध आतंकी फैसल और गौस मोहम्मद भी थे। लेकिन टीम ने यहां सिर्फ आंतकी आतिफ को ही उतारा था।

कटरी में बनाया था ट्रेङ्क्षनग सेंटर
आईएसआई के खुरासान मॉड्यूल के आतंकी सैफुल्लाह से शहर के रहने वाले गौसमोहम्मद के तार भी जुड़े पाए गए थे। जांच एजेंसी के मुताबिक गौस शुक्लागंज के एक खंडहरनुमा मकान में युवाओं को बम बनाने, फायङ्क्षरग करने की ट्रेङ्क्षनग देता था। वह कटरी में युवाओं को धर्म का वास्ता देकर पथ भ्रमित भी करता था। गौस इंटरनेट के जरिए आईएसआई के हैंडलर से जुड़ा हुआ था और वह हैंडलर ही उसे बम बनाने की ट्रेङ्क्षनग देता था। चर्चा है कि उन्नाव के शुक्लागंज और कटरी के एक खाली प्लाट में उसने धमाका कर टेङ्क्षस्टग भी की थी। हालांकि स्थानीय खुफिया व पुलिस आज भी इससे अंजान है।

Posted By: Inextlive