डायरिया से मौत के बाद जागा प्रशासन
कानपुर (ब्यूरो) आनंद नगर निवासी 45 वर्षीय श्री देवी दो दिन पहले बीमार हुईं। हालात गंभीर होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। बेटे ने बताया कि कई महीनों से घर के सामने से कचरा नहीं उठा, बरसात से पहले नाली की एक बार सफाई हुई थी। कीटनाशक छिड़काव तो कभी नहीं हुआ। यहां रहने वाले संजय ङ्क्षसह ने बताया कि कचरा उठाने के लिए कर्मचारी रुपये मांगते हैं। नगर निगम की ओर से कचरा उठाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। वहीं धानुक बस्ती निवासी संजय ङ्क्षसह ने बताया कि नालियों में गाय का गोबर डाल दिया जाता है। आस पास कहीं शौचालय नही है। शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नही होती।
लोहे के पुराने टैंकर से ड्रिकिंग वाटर
डायरिया के बावजूद जलकल पुराने लोहे के ट्रैंकर से ड्रिकिंग वाटर सप्लाई कर रहा है। यह देख एमएलए सुरेन्द्र मैथानी ने जलकल जीएम को फोन कर फटकार लगाई और स्टील के टैंकरों से शुद्ध पेयजल आपूर्ति को कहा।
कोट
स्वाथ्य विभाग और साफ सफाई की टीम मौके पर पहुंचकर काम कर रही है। हालात सामान्य हैं, मेडिकल कैंप लगाए गए हैं। घर घर पानी की सैंपङ्क्षलग हो रही है साथ ही कोरोना की तर्ज पर सर्वे भी किया जा रहा है।
शिव शरणप्पा, नगर आयुक्त
रावतपुर में डायरिया के बढ़ते प्रकोप को देख डीएम विशाखजी शनिवार को मौके पर पहुंचे। हालात का जायजा लेने के बाद 24 घंटे मेडिकल कैंप खोलने और एंबुलेंस को तैनात करने का निर्देश दिया है। उन्होंने सीएमओ को कहा कि हर घर का सर्वे करने के साथ क्लोरीन की गोलियां और ओआरएस बांटा जाए। साथ ही सिविल डिफेंस की टीम को भी तैनात करने का कहा है। इनकी निगरानी के लिए एसीएम छह की अगुवाई में टीम गठित कर दी गई है। अपर नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि अभियान चलाकर सफाई कराई जाए। जिसकी निगरानी नगर स्वास्थ अधिकारी खुद करें। उन्होंने क्षेत्र के लोगो से अपील करते हुए कहा कि केवल जलकल विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले टैंकर के पानी का इस्तेमाल करें।
प्रभावित मोहल्लों में क्लोरीन
डीएम ने सीएमओ डॉ। आलोक रंजन को निर्देश दिया कि स्वास्थ्य विभाग की कई टीम लगाकर घर-घर सर्वे करेगी। कोरोना संक्रमण की तर्ज पर हर घर के मेंबर की डिटेल लेगी। डायरिया से ग्रसित मोहल्लों में क्लोरीन की गोलियों एवं ओआरएस दिए जाए। डीएम के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग और सिविल डिफेंस की टीम ने सर्वे किया। इसके अलावा डीएम के आदेश पर डायरिया प्रभावित मोहल्लों में डाक्टरों की तीन टीम लगातार निगरानी करेगी।