नाला रोड स्थित दारुल मौला की शत्रु संपत्ति 7200 स्क्वायर फीट में फैली है. नापजोख से पता चला कि इसका आधा हिस्सा महिला महमूदा अशरफ के नाम पर है जबकि बाकी आधा हिस्सा मुख्तार बाबा उसकी पत्नी गुलशन जहां के नाम पर है. गुलशन के नाम पर दो हिस्से दर्ज हैं. पिछले दिनों जिला प्रशासन ने यहां कार्रवाई की और एक गोदाम को सील कर दिया था वहीं दो दुकानों को सील करना अभी बाकी है. ऐसे में यहां रहने वाले अब किराएदार के रूप में ही रह सकेंगे. प्रशासन इनसे किराया वसूल करेगा.

कानपुर (ब्यूरो) दारुल मौला परिसर करीब 7200 स्क्वायर फीट है। यहां का किराया तय करने के लिए डीएम ने पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, स्टांप और तहसीलदार की टीम बनाई है। नियम के मुताबिक शत्रु संपत्ति का किराया 20 रुपये प्रति स्क्वायर फीट की दर से तय हो सकता है। इस दर से किराया तय हुआ तो यहां रहने वालों को करीब 1.44 लाख रुपये हर महीने किराए का भुगतान करना होगा।

इसलिए हुई शत्रु संपत्ति
नगर निगम के पंचशाला रिकार्ड में दारुल मौला में मौला बख्श का नाम चढ़ा। मौला बख्श के चार बच्चे थे जिसमें तीन बेटे उमर फारूख, इब्राहिम अशरफ, हमीदुर्रहमान और एक बेटी आमना खातून हुए। ऐसे में दारुल मौला की यह संपत्ति चारों में बराबर से बंटनी चाहिए थी। लेकिन, इससे पहले उमर फारुख और आमना पाकिस्तान चले गए। तीसरे भाई हमीदुर्रहमान के बेटे आबिद रहमान और गुड्डी आपा भी बाद में पाकिस्तान चले गए। जबकि तीन बेटे शाहिद रहमान, आरिफ रहमान और हामिद रहमान यहीं रहे। संपत्ति का चारों भाई बहनों में बराबर से बंटवारा नहीं है और पाक जाने वालों की संपत्ति 51 प्रतिशत से अधिक हैं, ऐसे में इस संपत्ति को शत्रु मानकर कार्रवाई की गई।


किराया निर्धारण के लिए टीम गठित कर दी गई है। अगले एक दो दिन में रिपोर्ट आने के बाद दरें तय की जाएंगी। साथ ही जो दुकाने सील रहने से बच गई हैं, उनके खिलाफ भी जल्द कारवाई होगी।
विशाख जी, डीएम

Posted By: Inextlive