नवजात के बदलने का आरोप, मरे बच्चे के डीएनए की जांच की मांग के लिए लगा रहे चक्कर
कानपुर(ब्यूरो)। हैलट हॉस्पिटल में भर्ती रही चकेरी मवैया निवासी महिला किरन देवी ने हॉस्पिटल के कर्मचारियों पर बच्चा बदलने का आरोप लगाया है। पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के एसएनसीयू में 17 दिन भर्ती रहने के बाद किरन को मृत बच्चा हॉस्पिटल की तरह से सौंपा गया है। जिसे किरन और उसके परिवार ने दफना दिया है। अब पूरा परिवार पिछले कई दिनों से मृत शिशु के डीएनए जांच कराने के लिए हॉस्पिटल का चक्कर लगा रहा है।
एक नाम की दो महिला थी भर्ती
मवैया गांव की किरन देवी ने बताया कि उनकी डिलेवरी 23 सितंबर को हैलट हॉस्पिटल के च्च्चा-च्च्चा अस्पताल में हुआ था। जहां नवजात को हॉस्पिटल कर्मचारियों ने एनएनसीयू में लेकर चले गए। 17 दिन तक भर्ती रखने के बाद उनको मृत च्च्चा सौंप दिया गया। किरन ने बताया कि उनके ही नाम की एक और महिला का च्च्चा एसएनसीयू में भर्ती था। जिसको हृदय में समस्या थी। जबकि उनका च्च्चा बिल्कुल स्वस्थ था। हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने उन्हें दूसरे का मृत च्च्चा सौंप दिया है। किरन ने कहा कि च्च्चे की डीएनए जांच होनी चाहिए। जिससे हॉस्पिटल में च्च्चे बदलने के मामलों पर रोक लग सके। हैलट के एसआईसी प्रो। आरके ङ्क्षसह ने बताया कि इस प्रकार का कोई मामला जानकारी में नही आया है। एसएनसीयू में भर्ती हर पेशेंट की फाइल में सारी जानकारी उपलब्ध रहती है। शिकायत मिलने पर इसकी जांच की जाएगी।