सिपाही बन कर ट्रेनों में यात्रियों को लूटने वाले इंटरस्टेट गैैंग के शातिरों ने पूछताछ में कई राज उगले है. जीआरपी गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है. गिरोह के सरगना संतोष पांडेय ने पूछताछ में बताया कि वे लोग ट्रेनों के अनुसार पुलिस की वर्दी पहनकर लूटपाट करते थे. पुष्पक एक्सप्रेस में लूटपाट के दौरान महाराष्ट्र रेलवे पुलिस की चित्रकूट एक्सप्रेस में मध्यप्रदेश पुलिस की वर्दी पहन कर अपराध करते थे. अलग-अलग राज्यों की पुलिस की वर्दी होने से पुलिस भी धोखा खा जाती थी.

कानपुर (ब्यूरो) जीआरपी प्रभारी आरके द्विवेदी ने बताया कि संतोष पांडेय के विरुद्ध अलग जिलों व राज्यों के थानों में 17 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। उसने कबूला है कि उसके गिरोह में कई अन्य सदस्य भी है। इनकी संख्या 10 के करीब है। गणतंत्र दिवस पर गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है।


टोपी छिपाने की बात कर रहे थे
जीआरपी उप निरीक्षक अब्बास हैदर ने बताया कि दूसरे राज्यों की दूसरे राज्य जाने वाली ट्रेनों में वहीं की पुलिस वर्दी व बैज देखकर शक नहीं होता था। ट्रेन में लुटेरों की बातचीत से सिपाहियों को शक हुआ तो वे पकड़ में आ गए। वे आपस में टोपी छिपाने की बात कर रहे थे।

ये लुटेर पकड़े गए थे
दरियागंज निवासी निजाम कुरैशी, मूलरूप से भदोही व वर्तमान में वाराणसी के मोहल्ला दुर्गा कुंड कबीरगंज के संतोष पांडेय, यहीं के मोहल्ला लेठूपुर के सुरेश ङ्क्षसह, कानपुर के हरबंस मोहाल के जुगल किशोर विश्वकर्मा और बिहार के रोहतास के विक्रमगंज थानान्तर्गत आरा रोड के सुशील ङ्क्षसह।

Posted By: Inextlive