महाराजपुर हाईवे पर सोमवार सुबह दर्दनाक हादसे ने दंपति की जान ले ली. बाइक सवार दंपति को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी. जिसमें पत्नी की मौके पर मौत हो गई. जबकि गंभीर घायल पति ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. राहगीरों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल की लेकिन घटना किस वाहन से और कब हुई कोई नहीं बता पाया. हादसे की सूचना पर मृतक दंपति के घर में कोहराम मच गया.

कानपुर (ब्यूरो) जाजमऊ के तिवारीपुर निवासी दंपति सुबह घर से महाराजपुर में कहीं दवा लेने आए थे। जाजमऊ तिवारीपुर निवासी 32 साल का राहुल यादव पत्नी पिंकी (30) के साथ सोमवार सुबह बाइक से महाराजपुर में कहीं दवा लेने आए थे। वापसी के दौरान सुबह लगभग नौ बजे ब्रम्हदेव मंदिर के पास अज्ञात वाहन ने बाइक में टक्कर मार दी। दोनों उछल कर सड़क पर जा गिरे। दोनों को मरणासन्न हालत में सड़क किनारे पड़ा देख राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस जब मौके पर पहुंची तब तक पिंकी की मौत हो चुकी थी। जबकि राहुल गंभीर रूप से घायल था। पिंकी तीन महीने की गर्भवती थी।

दो साल पहले हुई थी शादी
पुलिस ने गंभीर हालत में राहुल को सीएचसी सरसौल भेजा। जहां डॉक्टरों ने राहुल को भी मृत घोषित कर दिया। मृतक राहुल कैलाश नगर जाजमऊ में आटा चक्की में नौकरी करता था। दो साल पहले दोनों की शादी हुई थी। महाराजपुर इंस्पेक्टर सतीश राठौर ने बताया कि मार्ग दुर्घटना में दंपति की मौत हुई है। अज्ञात वाहन का पता लगाया जा रहा है। अभी तहरीर नहीं मिली है।

खड़े ट्रक बनते हादसे की वजह
जिला प्रशासन ने शहर के ब्लैक स्पॉट खत्म करने की तमाम कोशिश कीं। कई ब्लैक स्पॉट्स खत्म भी किए गए। इसके बाद भी नेशनल हाईवे पर सड़क किनारे खड़े वाहनों की वजह से हादसे हो रहे हैैं। हालांकि सोमवार सुबह हुए हादसे की वजह खराब रोड इंजीनियरिंग भी बताई जा रही है। फतेहपुर से आने वाले वाहन ब्रह्मïदेव मंदिर की तरफ आते हैैं। फ्लाईओवर से उतरते ही हैवी व्हीकल मेें जर्क लगता है। जर्क लगने के दौरान अगर हैवी व्हीकल ड्राइवर अलर्ट होता है या उसे इस परिवर्तन की जानकारी होती है तो वह गाड़ी संभाल लेता है। अगर जानकारी नहीं होती तो आगे चल रहा वाहन सवार इन हैवी व्हीकल्स का शिकार हो जाता है।

नहीं खत्म हो सके ब्लैक स्पॉट्स
मर्जिंग ट्रैफिक प्वाइंट्स, नो इंट्री में घुसने वाले हैवी व्हीकल्स और व्यस्ततम रोड पर खड़े वाहनों की वजह से अक्सर हादसे होते हैैं। दरअसल दूर से वाहन दिखाई नहीं देते। अंधेरे में पीछे से लाइट व्हीकल्स खड़े वाहनों में घुस जाते हैैं और बड़ा हादसा हो जाता है। करीब एक साल पहले इसी तरह सचेंडी में हाईवे के सी कर्व पर हुए हादसे में 19 लोगों की जान गई थी। हादसों के बाद पुलिस प्रशासन एक्टिव होता है। ब्लैक स्पॉट्स खत्म करने के प्लान बनाए जाते हैैं। इन पर कुछ दिन तक अमल भी किया जाता है लेकिन चंद दिन बाद ही मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।

Posted By: Inextlive